Iran News : अंडरगार्मेंट्स में घूमने वाली लड़की पर अदालत ने सुनाया बड़ा फैसला, जानें मिली सजा या हुई रिहा?
Iran News : नवंबर की शुरुआत में एक वीडियो फुटेज वायरल हुआ, जिसमें ईरान की तेहरान स्थित इस्लामिक आजाद यूनिवर्सिटी में एक छात्रा को अंडरवियर में घूमते हुए देखा गया। इस घटना में अब नया मोड़ आया है....
Iran University Viral Video : ईरान की अदालत ने तेहरान यूनिवर्सिटी कैंपस में केवल अंडरगार्मेंट्स में घूमने वाली छात्रा अहौ दारयाई के मामले में फैसला सुनाते हुए उसे रिहा कर दिया है। अदालत ने मंगलवार, 19 नवंबर को स्पष्ट किया कि इस मामले में छात्रा के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होगी।
यह घटना उस समय चर्चा में आई जब अहौ दारयाई यूनिवर्सिटी कैंपस में इस तरह नजर आईं। हालांकि, अदालत ने मामले को आगे न बढ़ाने का निर्णय लिया और इसे किसी भी कानूनी आरोप से मुक्त कर दिया।
क्या है पूरा मामला
नवंबर की शुरुआत में एक वीडियो फुटेज वायरल हुआ, जिसमें ईरान की तेहरान स्थित इस्लामिक आजाद यूनिवर्सिटी में एक छात्रा को अंडरवियर में घूमते हुए देखा गया। इस घटना ने ईरान के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी व्यापक चर्चा का विषय बना दिया।
Iran में 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद महिलाओं के लिए सख्त ड्रेस कोड लागू है, जिसमें सिर को ढकना अनिवार्य है। इसके बावजूद सार्वजनिक स्थान पर छात्रा के इस व्यवहार ने स्थानीय और वैश्विक स्तर पर हलचल मचा दी। इसे लेकर यह अनुमान लगाया जा रहा था कि उसे कठोर सजा दी जा सकती है।
मानवाधिकार संगठनों ने इस घटना पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए ईरान के सख्त ड्रेस कोड की आलोचना की और छात्रा को किसी भी तरह की सजा न देने की अपील की। इस मामले ने ईरान में महिलाओं के अधिकार और सख्त ड्रेस कोड पर नए सिरे से बहस छेड़ दी।
मंत्री हुसैन सिमोई ने क्या कहा
ईरान में विश्वविद्यालयों की देखरेख के मंत्री हुसैन सिमोई ने विश्वविद्यालय परिसर में एक छात्रा द्वारा कपड़े उतारने की घटना को “अनैतिक कृत्य” करार दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि छात्रा को विश्वविद्यालय से निष्कासित नहीं किया गया था। उनका कहना था कि इस प्रकार की घटनाएं न तो नैतिक हैं और न ही धार्मिक दृष्टिकोण से उचित मानी जाती हैं, इसलिए इन्हें बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए।
लागू ड्रेस कोड कानून
ईरान में महिलाओं के लिए लागू ड्रेस कोड कानून की निगरानी मोरल पुलिस द्वारा की जाती है, और इसके उल्लंघन पर दंड दिया जाता है। यह कानून लंबे समय से विवादों का विषय रहा है। 2022 में ड्रेस कोड को लेकर व्यापक विरोध प्रदर्शन उस समय भड़क उठे थे, जब 22 वर्षीय महसा अमिनी की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। इस घटना ने ड्रेस कोड कानून और महिलाओं के अधिकारों पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहस छेड़ दी थी।