दीपों की रोशनी के बाद धुएं का अंधेरा, दिल्ली से नोएडा तक AQI में खतरनाक उछाल
Diwali : दिल्ली सरकार ने पटाखों पर रोक लगाया था, इसके बावजूद भी लोग दिवाली की रात जमकर पटाखे जलाते नजर आए। इसके परिणामस्वरूप Delhi-NCR में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब हो गई..
Diwali : दिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर एक बार फिर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है, जिससे इलाके में सांस लेना मुश्किल हो गया है। दिल्लीवासियों ने लगाए गए पटाखों पर रोक के बावजूद भी दिवाली की रात जमकर पटाखे जलाए, जिसके कारण अगले दिन राष्ट्रीय राजधानी में धुंध की मोटी चादर देखने को मिली।
प्रदूषण का स्तर बढ़ा
बता दें, कि दिल्ली सरकार ने पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर रोक लगाया था, इसके बावजूद दिवाली की रात लोग जमकर पटाखे जलाते नजर आए। इसके परिणामस्वरूप दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब हो गई, और दिवाली के अगले दिन पूरे शहर में प्रदूषण का स्तर अत्यधिक बढ़ा हुआ पाया गया।
प्रदूषण का तीन वर्षों में सबसे खराब स्तर
एक्सपर्ट का कहना है कि इस वर्ष दिवाली पर दर्ज किया गया प्रदूषण का स्तर पिछले तीन वर्षों में सबसे अधिक था। दिल्लीवासियों को अब इस दमघोंटू हवा के प्रभाव से जूझना पड़ेगा, और स्वास्थ्य एक्सपर्ट ने बच्चों, बुजुर्गों, और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को बाहर निकलने से बचने की सलाह दी है।
हवा की गुणवत्ता के मापदंड
एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के मापदंडों के अनुसार, 0 से 50 तक का AQI ‘अच्छा’ माना जाता है, 51 से 100 ‘संतोषजनक’, 101 से 200 ‘मध्यम’, 201 से 300 ‘खराब’, 301 से 400 ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 ‘गंभीर’ की श्रेणी में आता है। दिवाली के बाद दिल्ली के कई इलाकों में AQI गंभीर श्रेणी में रिकॉर्ड किया गया।
मौसम ने बिगाड़ी स्थिति
इस वर्ष दिवाली के दौरान मौसम भी साथ नहीं दे रहा था। हवा के ठहराव के कारण प्रदूषण का स्तर और गंभीर हो गया, क्योंकि हवा नहीं चलने से प्रदूषक तत्व वातावरण में स्थिर हो गए। साथ ही, तापमान में भी गिरावट अभी शुरू नहीं हुई है। दिल्ली में न्यूनतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम के औसत तापमान से लगभग 4.9 डिग्री अधिक है। इससे प्रदूषण का स्तर बढ़ने में और मदद मिली।
दिल्ली सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया था कि पटाखों के उत्पादन, भंडारण और बिक्री पर प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके बावजूद, दिवाली की रात दिल्ली के कई इलाकों में लोगों को पटाखे जलाते देखा गया। प्रदूषण के मौजूदा स्तर को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को घर के अंदर ही रहने और बाहर के कामों को सीमित रखने की सलाह दी है।
आगे की चेतावनी
एक्सपर्ट का कहना है कि अगले कुछ दिनों में तापमान में गिरावट और ठंड बढ़ने के कारण स्थिति और खराब हो सकती है। प्रदूषण का यह स्तर, विशेषकर सांस की बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए, गंभीर खतरा बन सकता है। सरकार ने प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए न केवल प्रदूषण मानकों को कड़ाई से लागू करने का निर्णय लिया है, बल्कि लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी समझने की अपील की है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव
प्रदूषण के इस स्तर पर सांस लेने में तकलीफ, गले और आंखों में जलन जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। यह स्थिति खासकर बुजुर्गों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अस्थमा या अन्य श्वसन रोगों से पीड़ित लोगों के लिए ज्यादा हानिकारक हो सकती है। दिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के इस खतरनाक स्तर पर नियंत्रण पाने के लिए सरकार और नागरिकों दोनों को जिम्मेदारी से कदम उठाने होंगे।