जय हिंद के बजाय जय फिलिस्तीन क्यों ? अगर संसद के अंदर पाकिस्तान और खालिस्तान के समर्थन में लगने लगे नारे तो फिर क्या होगा ?

हैदराबाद लोकसभा से सांसद अससुद्दीन ओवैसी ने संसद सत्र के दूसरे दिन 25 जून 2024 को संसद की सदस्यता ग्रहण की, ओवैसी ने उर्दू में शपथ पड़ते हुए जय भीम, जय मीम, जय तेलंगाना कहते हुए जय फिलिस्तीन भी कह डाला, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया है. क्या है इस विवाद बनायन के मायने आपको बताते हैं?

Loksabha Session News : लोकसभा में सभी नवनिर्वाचित सांसद शपथ ले रहे हैं, ऐसे में बारी आई हैदराबाद से पाचंवी बार जीतकर आए असदुद्दीन ओवैसी ( Asaduddin Owaisi ) की, ओवैसी संसद में शपथ मंच पर पहुंचे और उन्होंने उर्दू में अपने शपथ की शुरूआत की और शपथ पड़ने के आखिरी में जय भीम, जय मीम, जय तेलंगाना, बोलने के बाद जय फिलीस्तीन बोलकर हस्ताक्षर करने के लिए आगे बढ़ गए.

ओवैसी के इस भाषण पर उठने लगे सवाल

ओवैसी के इस भाषण पर सवाल खड़े होने लगे हैं, संसद में भाजपा सांसदों ने इसका जोरदार विरोध किया, भाजपा के जी किशन रेड्डी ने कहा कि ओवैसी के इस भाषण को रिकार्ड से हटाना चाहिए, साथ ही ये भी कहा कि भारत की जनता को ऐसे चेहरों को पहचानना चाहिए जो देश की संसद से ऐसे नारे लगाते हैं, साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि एक ओर ओवैसी संविधान की बात करते हैं, दूसरी तरफ संविधान विरोधी नारेबाजी करते हैं ये पूरी तरह से गलत है. भारत में रहकर फिलिस्तीन राग नहीं अलापने चाहिए, ऐसी घटनाएं ही ऐसे लोगों का असली चेहरा सामने लाती हैं.

Asaduddin Owaisi Image Source X LokSabha
Asaduddin Owaisi Image Source X LokSabha

 

क्या है जय फिलिस्तीन बोलने के पीछे का जाल ?

अक्टूबर 2023 में इजरायल पर हमास औऱ फिलिस्तीनी आतंकी समूहों के हमले के बाद बचाव में इजरायल द्वारा भी हमास औऱ फिलिस्तीन पर  हमले किए गए, ऐसे में इजरायल, हमास और फिलिस्तीन में काफी जान माल का नुक्सान हुआ, इन सभी को दरकिनार कर भारत के मुस्लिम अचानक फिलिस्तीन का समर्थन करने लगे, उस दौरान अपने आफ को मुस्लिमों का हितैसी माने वाले ओवैसी ने भी कई मंचों पर फिलिस्तीन का खुलकर समर्थ किया था, अब ऐसे में जब भारत में लोकसभा चुनाव होने के बाद नई संसद का गठन हो रहा है तो ऐसे में भारत के संसद के अंदर शपथ लेते समय जय हिंद न बोलकर जय फिलिस्तीन बोलना एक गलत परंपरा को जन्म दे रहा है, और ऐसा होना भी नहीं चाहिए. ऐसी परंपराएं आने वाले वर्षों को प्रभावित करेगी जिसका परिणाम भारत के लोकतंत्र के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.

अगर संसद के अंदर पाकिस्तान और खालिस्तान के समर्थन में लगने लगे नारे तो फिर क्या होगा ?

18वीं लोकसभा के लिए कई विवादित चेहरे जिनपर भारत के खिलाफ काम करने का आरोप है ऐसे भी लोग सांसंद चुने गए हैं, ऐसे में आने वाले दिनों में कोई भी ऐसा ही चुना गया सांसद पाकिस्तान, या फिर खालिस्तान के समर्थन में संसद के अंदर नारे लगाएगा तो ये भारत की एकता और अखंडता के लिए कितना घातक साबित होगा ये देश समझ सकता है.

रिकार्ड से हटेगा ओवैसी का फिलिस्तीनी समर्थित भाषण

भारी हंगामे और विरोध के बीच लोकसभा के रिकार्ड से ओवैसी का फिलिस्तीनी समर्थित भाषण हटाया जाएगा लेकिन लोकसभा टीवी ने इस वीडियो को ट्वीट करके वायर कर दिया है अब ऐसे में लोकसभा के रिकार्ड से इस वीडियो के हट जाने के बाद भी ये वीडियो पब्लिक डोमेन में रहेगा और जिसे आने वाली पीड़िया भी देखा करेंगी. ऐसे में जब ओवैसी से इस बारे में पूछा गया कि आपने संसद के अंदर फिलिस्तीन से समर्थन में नारे क्यों लगाए तो उन्होंने ओवैसी ने अपनी गलती मानने के बजाय कहा कि मैने जो बोलना था बोल दिया. ओवैसी ने ये भी कहा कि जो हमने वोला उसको गलत ठहराने के लिए संविधान में प्रावधान दिखाएं और हम विरोध करने वालों को खुश करने के लिए नहीं बोल सकते.

 

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