Maharashtra Election Results 2024 : महाराष्ट्र में बीजेपी गठबंधन का ऐतिहासिक प्रदर्शन, विपक्षी खेमा बौखलाया
Maharashtra Election Results 2024 : यह स्पष्ट है कि महाराष्ट्र में महायुति की सरकार बनने जा रही है। इस बीच, देवेंद्र फडणवीस का राज्य का अगला मुख्यमंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है.....
Maharashtra Election Results 2024 : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे लगभग स्पष्ट हो चुके हैं, जहां महायुति 220 से अधिक सीटों पर बढ़त बनाकर भारी जीत की ओर बढ़ रही है। दूसरी ओर, महाविकास अघाड़ी केवल 58 सीटों पर सिमट गई है। यह स्पष्ट है कि महाराष्ट्र में महायुति की सरकार बनने जा रही है। इस बीच, देवेंद्र फडणवीस का राज्य का अगला मुख्यमंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है, क्योंकि बीजेपी अध्यक्ष ने उनसे मुलाकात भी की है।
महायुति की जीत की वजह
महायुति की इस जीत के पीछे कई कारक काम कर रहे हैं। इनमें लड़की बहिन योजना का बड़ा योगदान है, जिसने महिला मतदाताओं का समर्थन सुनिश्चित किया। इस योजना के तहत महिलाओं के खातों में हर महीने पैसे पहुंचने से यह विश्वास पुख्ता हुआ कि मौजूदा सरकार महिलाओं के हितों का ध्यान रख रही है।
इसके अलावा, बीजेपी गठबंधन ने ओबीसी वोटरों पर खास ध्यान दिया, जिससे उनका समर्थन बरकरार रहा। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे ‘एक हैं तो सेफ हैं’ ने लोगों को एकजुट किया और गठबंधन के प्रति वफादारी बढ़ाई।
महायुति ने विदर्भ क्षेत्र पर भी खास ध्यान दिया, जहां किसानों के लिए कपास और सोयाबीन से जुड़े राहत उपायों ने ग्रामीण मतदाताओं का विश्वास जीता। हिंदू-मुस्लिम वोटरों को साधने की रणनीति भी सफल रही। ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ जैसे नारों ने हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण किया, जबकि मदरसों के शिक्षकों की सैलरी बढ़ाकर मुस्लिम समुदाय में भरोसा कायम किया गया।
चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी ने एक नई रणनीति अपनाई, जहां केंद्रीय नेताओं के बजाय स्थानीय नेताओं, खासकर देवेंद्र फडणवीस, को आगे रखा गया। इससे स्थानीय मतदाताओं के साथ सीधा संवाद स्थापित हुआ।
संघ और बी+9जेपी के बीच के आपसी तालमेल ने भी इस जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। संघ के स्वयंसेवकों ने घर-घर जाकर बीजेपी का संदेश पहुंचाया, जिससे मतदाताओं में विश्वास बढ़ा।
इसके अतिरिक्त, टोल प्लाजा से टोल हटाने का फैसला भी लोगों को रास आया, जिससे महायुति को व्यापक समर्थन मिला।
महायुति की जीत का एक और अहम कारण विपक्ष की कमजोर रणनीति और मुद्दों की कमी रही। सत्ता पक्ष को घेरने में विपक्ष विफल रहा, जिसका फायदा महायुति ने उठाया और मतदाताओं को अपने पक्ष में कर लिया।