Election Results 2024 : महाराष्ट्र-झारखंड में सियासी जंग का फैसला होगा आज, जानें कौन मारेगा बाजी?
Election Results 2024 Live : आज (23 नवंबर)को महाराष्ट्र-झारखंड दोनों राज्यों में हुए चुनावों की मतगणना शुरू होगी, जिससे कुछ घंटों में यह स्पष्ट हो जाएगा कि किस गठबंधन की स्थिति मजबूत है।
Assembly Election Results 2024 Live : आज (23 नवंबर)को महाराष्ट्र-झारखंड दोनों राज्यों में हुए चुनावों की मतगणना शुरू होगी, जिससे कुछ घंटों में यह स्पष्ट हो जाएगा कि किस गठबंधन की स्थिति मजबूत है। यदि एनडीए महाराष्ट्र (महायुति) और झारखंड दोनों में जीत हासिल करता है, या कम से कम महाराष्ट्र में सत्ता बरकरार रखता है, तो बीजेपी के लिए यह बड़ी सफलता होगी। इससे लोकसभा चुनाव के नतीजों को एक अपवाद के रूप में देखा जाएगा और पार्टी को सहयोगी दलों के साथ अपने तालमेल को और मजबूत करने का अवसर मिलेगा।
कौन मारेगा बाजी?
हालांकि, अगर बीजेपी दोनों राज्यों में हारती है या सिर्फ महाराष्ट्र में पराजित होती है, तो यह पार्टी के लिए बड़ा झटका होगा। यह धारणा और गहराएगी कि लोकसभा चुनाव का प्रदर्शन एक नए रुझान की शुरुआत थी, जो अब भी जारी है। महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग, शिवसेना और एनसीपी के वोटर्स की सहानुभूति उद्धव ठाकरे और शरद पवार के प्रति, लोकसभा चुनाव में महायुति के कमजोर प्रदर्शन की वजह मानी जा रही है।
महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ने महिला मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए ‘माझी लड़की बहिन योजना’ जैसी कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की है, जिसके तहत 18 से 60 साल की महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये दिए जा रहे हैं। महायुति ने वादा किया है कि सत्ता में लौटने पर इस राशि को बढ़ाकर 2100 रुपये किया जाएगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस योजना का असर चुनावी नतीजों में दिखता है।
झारखंड, हालांकि आकार में महाराष्ट्र से छोटा है, बीजेपी के लिए राजनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। पार्टी को यहां आदिवासी क्षेत्रों में अपने प्रदर्शन को सुधारने की जरूरत है, खासतौर पर लोकसभा चुनाव में सभी पांच आदिवासी सीटों पर हार के बाद। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर भ्रष्टाचार के आरोप और उनकी गिरफ्तारी ने आदिवासी समुदाय में बीजेपी के प्रति धारणा को प्रभावित किया है।
बीजेपी ने चंपई सोरेन जैसे आदिवासी नेताओं को अपने साथ जोड़कर यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह आदिवासियों के खिलाफ नहीं है। इसके साथ ही, पार्टी ने अवैध प्रवासियों के मुद्दे को उछालते हुए झारखंड में आदिवासी वोटबैंक को मजबूत करने की रणनीति अपनाई है।
अगर बीजेपी महाराष्ट्र और झारखंड दोनों में जीतती है, तो यह संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पार्टी और उसके सहयोगी दलों को मजबूत आत्मविश्वास के साथ उतारेगी। वहीं, हार की स्थिति में पार्टी को अपनी रणनीतियों पर पुनर्विचार करना पड़ेगा।