Akhilesh Yadav : समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने लोकसभा में संभल हिंसा को एक सुनियोजित साजिश करार दिया, जिसमें चार लोगों की जान चली गई। उन्होंने प्रशासन को सीधे तौर पर इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग की। अखिलेश ने संसद में इस मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए कहा कि संभल में भाईचारे को निशाना बनाया गया है।
अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और उसके सहयोगियों पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में सांप्रदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने की कोशिशें हो रही हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश में 13 नवंबर को होने वाले उपचुनावों को 20 नवंबर तक टालने पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह सरकार संविधान का पालन नहीं करती।
संभल में बढ़ा तनाव
संभल में शाही जामा मस्जिद से जुड़ी याचिका के चलते 19 नवंबर को मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया। 24 नवंबर को जब दोबारा सर्वेक्षण किया गया, तो इसका कारण जानने के लिए स्थानीय लोग एकत्र हो गए। इस दौरान सर्किल ऑफिसर और पुलिस द्वारा कथित दुर्व्यवहार और लाठीचार्ज किया गया। हालात तब और बिगड़ गए जब पुलिस ने सरकारी और निजी हथियारों से फायरिंग की, जिससे दर्जनों लोग घायल हुए और पांच निर्दोष नागरिक मारे गए।
अखिलेश यादव ने योगी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए और उन्हें तत्काल निलंबित किया जाना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं।
राम गोपाल यादव ने राज्यसभा में उठाया मुद्दा
सपा सांसद राम गोपाल यादव ने राज्यसभा में संभल हिंसा का मामला उठाते हुए पुलिस पर बर्बरता के गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि 24 नवंबर को जिले में व्यापक पुलिस तैनाती की गई थी, लेकिन स्थानीय लोगों को इसका उद्देश्य नहीं बताया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन, वकील और अन्य लोग ढोल-नगाड़ों के साथ मस्जिद में प्रवेश कर गए, जिससे स्थानीय लोगों के बीच असमंजस और संदेह पैदा हो गया।
राम गोपाल के अनुसार, हिंसा तब भड़की जब एसडीएम ने मस्जिद के अंदर पानी की टंकी खोली, जिससे छेड़छाड़ का शक बढ़ गया। उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद पुलिस ने हिंसा का सहारा लिया, जिसमें कई लोग घायल हुए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कई व्यक्तियों को जेल भेजा गया और बंदियों के साथ दुर्व्यवहार किया गया। सपा नेताओं ने इस घटना के लिए योगी सरकार और पुलिस प्रशासन को कठघरे में खड़ा करते हुए न्याय की मांग की है।