Faridabad RDX Case : दिल्ली-NCR से सटे हरियाणा के फरीदाबाद शहर में सोमवार को आतंकवादियों की एक बड़ी साजिश का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने यहां एक घर से करीब 300 किलो विस्फोटक सामग्री (RDX और अमोनियम नाइट्रेट), एके-47 रायफल, और भारी मात्रा में कारतूस बरामद किए हैं. इस मामले में जम्मू-कश्मीर के आतंकी डॉक्टर आदिल अहमद राथर को गिरफ्तार किया गया है, जिसने आतंक के इस नेटवर्क में अहम भूमिका निभाई थी.
कौन है आतंकी आदिल अहमद राथर?
जांच में सामने आया है कि आतंकी आदिल अहमद राथर कश्मीर का रहने वाला है और पेशे से डॉक्टर रहा है। पुलिस के अनुसार, वह बीते कुछ महीनों से दिल्ली-NCR क्षेत्र में किराये के मकान में रह रहा था और गुप्त रूप से विस्फोटक सामग्री एकत्र कर रहा था। सूत्रों के मुताबिक, वह पाकिस्तानी आतंकी संगठनों के संपर्क में था और फंडिंग व निर्देश इन्हीं से मिल रहे थे.
कहां से मिला 300 किलो RDX
जम्मू-कश्मीर पुलिस और हरियाणा ATS की संयुक्त कार्रवाई में यह बरामदगी हुई। फरीदाबाद के बादली गांव में छापेमारी के दौरान 300 किलो से अधिक विस्फोटक, 3 एके-47, 6 पिस्टल और हजारों कारतूस मिले। पुलिस ने बताया कि बरामद सामग्री इतनी ज्यादा है कि इससे पूरे शहर को हिलाने वाला विस्फोट संभव था
दिल्ली-NCR में आतंकी हमले की साजिश
जांच एजेंसियों का मानना है कि यह नेटवर्क दिल्ली, गुरुग्राम और नोएडा में एक साथ सीरियल ब्लास्ट करने की साजिश रच रहा था। शुरुआती जांच में यह भी सामने आया कि आतंकी त्योहारी सीजन में किसी बड़े कार्यक्रम को निशाना बनाने की तैयारी में थे।
NIA और ATS की संयुक्त जांच
मामले की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और हरियाणा ATS ने संयुक्त जांच शुरू कर दी है। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि आदिल अहमद को विस्फोटक सामग्री किस रास्ते से और किस नेटवर्क के ज़रिए मिली।
सरकार और सुरक्षा एजेंसियों का बयान
हरियाणा के गृह मंत्री ने इस कार्रवाई को “आतंक के खिलाफ सबसे बड़ी कामयाबी” बताया है। वहीं जम्मू-कश्मीर पुलिस का कहना है कि यह ऑपरेशन “देश के खिलाफ चल रहे आतंकी नेटवर्क की गहरी जड़ें उजागर करता है।”
क्या है अगला कदम
फिलहाल आदिल अहमद राथर को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। उसके संपर्कों, मोबाइल रिकॉर्ड्स, और बैंक ट्रांजैक्शन की जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है कि आने वाले दिनों में कई और गिरफ्तारियां संभव हैं।
फरीदाबाद में मिली यह बड़ी बरामदगी एक बार फिर दिखाती है कि आतंक के नेटवर्क ने दिल्ली-NCR जैसे सुरक्षित माने जाने वाले इलाकों में भी जड़ें जमा ली हैं। लेकिन सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता से एक बड़ा हादसा टल गया। अब देश की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि इस साजिश के पीछे कौन-कौन सी विदेशी ताकतें शामिल थीं।