300 साल पुराना राज? Sambhal में जामा मस्जिद के पास मिला रहस्यमयी ऐतिहासिक कुआं

Sambhal : यह कुआं हिंदू बहुल इलाके में मिला है, और नगर पालिका की टीम इसके ऊपर की मिट्टी हटाने का काम कर रही है। मिट्टी हटने के बाद कुएं की पूरी खुदाई की जाएगी..

Sambhal : संभल में कार्तिकेश्वर महादेव मंदिर के जनता के लिए खुलने के बाद से मंदिर के अवशेष और प्राचीन कुएं मिलने का सिलसिला जारी है। ताजा जानकारी के अनुसार, गुरुवार को खुदाई के दौरान एक और कुआं सामने आया है। यह कुआं जामा मस्जिद से लगभग 300-400 मीटर की दूरी पर, संभल सदर के सरथल चौकी क्षेत्र में पाया गया।

मिट्टी हटाने का काम जारी 

यह कुआं हिंदू बहुल इलाके में मिला है, और नगर पालिका की टीम इसके ऊपर की मिट्टी हटाने का काम कर रही है। मिट्टी हटने के बाद कुएं की पूरी खुदाई की जाएगी। इस स्थान पर मलबा पड़ा है, जिसे लेकर स्थानीय लोगों का दावा है कि इसके नीचे मंदिर हो सकता है। कुछ का कहना है कि वहां मंदिर के अवशेष भी दिखाई दे रहे हैं।

जामा मस्जिद के पास मिले इस कुएं को स्थानीय निवासियों ने ऐतिहासिक बताया है। एक व्यक्ति ने दावा किया कि पहले लोग इस कुएं में स्नान कर हरिहर मंदिर में पूजा करने जाया करते थे। स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि इस कुएं का उल्लेख पौराणिक ग्रंथों में है। एक निवासी ने बताया कि 20 साल पहले तक इस कुएं में पानी था और इसके पास मृत्युंजय महादेव मंदिर स्थित था। यह कुआं 19 प्राचीन कुओं में से एक ‘मृत्युकूप’ है, जिसकी अब खुदाई हो रही है।

नगर पालिका ने क्या कहा 

नगर पालिका परिषद के कार्यकारी अधिकारी डॉ. मणि भूषण तिवारी ने कहा, “आज हम मृत्युकूप की खुदाई कर रहे हैं। हमारी विरासत को संरक्षित करना हमारी प्राथमिकता है। अधिकतम प्राचीन कुओं की पहचान कर ली गई है, और खुदाई का कार्य जारी है। अगर किसी स्थल का धार्मिक महत्व है, तो हम उसे संरक्षित करेंगे।”

बता दें, कि 14 दिसंबर को जिला प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने के दौरान एक मंदिर खोजा था, जिसे 1978 से बंद बताया जा रहा है। इसके बाद, 22 दिसंबर को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने चंदौसी में एक प्राचीन बावड़ी का पता लगाया।

जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि यह बावड़ी लगभग 400 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैली हुई है। इसमें चार कक्ष शामिल हैं, जिनका फर्श संगमरमर और ईंटों से बना है। कहा जाता है कि इसका निर्माण बिलारी के राजा के पूर्वजों के समय में हुआ था।

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