MahaKumbh 2025 : पुण्य फल चाहते हैं? तो महाकुंभ में गंगा स्नान से पहले जान लें ये खास बातें
MahaKumbh 2025 : पूरे 12 वर्षों के बाद आयोजित होने वाला महाकुंभ इस बार प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर हो रहा है। महाकुंभ में...
MahaKumbh 2025 : पूरे 12 वर्षों के बाद आयोजित होने वाला महाकुंभ इस बार प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर हो रहा है। महाकुंभ में गंगा स्नान का विशेष धार्मिक महत्व है, और इसी कारण हर बार लाखों-करोड़ों तीर्थयात्री यहां जुटते हैं। हिंदू धर्म में महाकुंभ को अत्यंत पवित्र और पुण्य अर्जित करने वाला अनुष्ठान माना गया है। यदि आप भी इस बार महाकुंभ में गंगा स्नान करने का विचार कर रहे हैं, तो कुछ महत्वपूर्ण नियमों को जान लेना बेहद आवश्यक है। इन नियमों का पालन करने पर ही आपको गंगा स्नान का पूर्ण फल प्राप्त हो सकेगा।
शाही स्नान के बाद करें गंगा स्नान
महाकुंभ में शाही स्नान का विशेष महत्व होता है। इस दौरान साधु-संतों का स्नान प्राथमिकता में होता है। यदि आप शाही स्नान के दिन गंगा स्नान कर रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि साधु-संतों के स्नान के बाद ही आप डुबकी लगाएं। ऐसा करना धार्मिक रूप से शुभ और आवश्यक माना जाता है।
डुबकियों की संख्या का रखें ध्यान
महाकुंभ में गंगा स्नान करते समय कम से कम 5 बार डुबकी लगाने का प्रयास करें। हालांकि, भीड़भाड़ के कारण अगर अधिक बार डुबकी लगाना संभव न हो, तो भी इन 5 डुबकियों को पूरा करना शुभ माना जाता है।
गंगा की पवित्रता बनाए रखें
स्नान से पहले अपने शरीर को अच्छे से साफ कर लें ताकि गंगा की पवित्रता बनी रहे। गंगा में स्नान को शारीरिक शुद्धता से अधिक मानसिक शुद्धता से जोड़ा गया है। स्नान के दौरान मन को शांत रखें और किसी भी प्रकार की नकारात्मकता या बुराई से बचें।
दान करें पुण्य अर्जित करने के लिए
गंगा स्नान के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को दान देना अत्यंत पुण्यकारी माना गया है। यह न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे आपके पूर्वज और देवी-देवताओं की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
MahaKumbh 2025 की तिथियां
इस बार प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी 2025 से प्रारंभ होकर 26 फरवरी 2025 तक चलेगा। इस दौरान संगम में स्नान करना विशेष पुण्यकारी माना गया है। महाकुंभ के इस पावन अवसर पर गंगा स्नान करके पुण्य और आशीर्वाद प्राप्त करने का यह सर्वोत्तम अवसर है।