Maha Kumbh 2025 : प्रयागराज पहुंचे CM Yogi, महाकुंभ 2025 की तैयारियों पर कसा शिकंजा, जानें क्या-क्या कहा?

CM Yogi : सीएम योगी आदित्यनाथ सोमवार को प्रयागराज पहुंचे और महाकुंभ 2025 की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने अरैल में बनी टेंट सिटी और दशाश्वमेध घाट के ओंगोइंग कार्यों का निरीक्षण किया...

CM Yogi : सीएम योगी आदित्यनाथ सोमवार को प्रयागराज पहुंचे और महाकुंभ 2025 की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने अरैल में बनी टेंट सिटी और दशाश्वमेध घाट के ongoing कार्यों का निरीक्षण किया। दशाश्वमेध महादेव की पूजा के बाद, मुख्यमंत्री ने प्रयागराज मेला प्राधिकरण कार्यालय में समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने पांटून पुल, चकर्डप्लेट, शौचालय, अस्पताल, बिजली के पोल, और पानी की पाइपलाइन के कार्यों की प्रगति के बारे में जानकारी ली।

बचे कार्य 30 दिसंबर तक पूरे करने का निर्देश

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि संतों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मेला क्षेत्र में 30 पांटून पुल बनाए जाने हैं, लेकिन अभी तक केवल 20 तैयार हुए हैं। बचे हुए कार्यों को 30 दिसंबर तक हर हाल में पूरा करने का आदेश दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि निर्धारित समयसीमा के बाद विभागवार कार्यों की समीक्षा कर जवाबदेही तय की जाएगी।

स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल और रेलवे स्टेशन का निरीक्षण

सीएम योगी ने स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय का दौरा कर वहां की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। इसके अलावा, उन्होंने प्रयागराज रेलवे स्टेशन का भी जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने वैदिक शिक्षा, गोसेवा, और चिकित्सा सेवाओं के लिए अखाड़ों द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने बताया कि देशभर में लगभग 50 संस्कृत और वेद विद्यालयों व अस्पतालों का संचालन अखाड़े करवा रहे हैं।

वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी

मुख्यमंत्री के साथ नगर विकास व ऊर्जा मंत्री एके शर्मा, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, लोक निर्माण विभाग के राज्यमंत्री बृजेश सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, डीजीपी प्रशांत कुमार, और कई अपर मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव भी निरीक्षण टीम का हिस्सा थे।

प्रयागराज की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता

प्रयागराज सनातन संस्कृति के प्राचीनतम नगरों में से एक है। ऋगवेद, पुराण, रामायण, और महाभारत में इस नगर का विशेष उल्लेख मिलता है। श्रीराम के वनवास के दौरान प्रयागराज का श्रृंगवेरपुर धाम उनकी यात्रा का महत्वपूर्ण हिस्सा था, जहां उन्होंने निषादराज की मदद से गंगा नदी पार की थी और भरद्वाज मुनि के आश्रम में विश्राम किया था।

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