MahaKumbh Mela 2025 : अघोरी और नागा साधु के भोजन में कितना है फर्क? जानें इनकी पूरी जीवन शैली
MahaKumbh Mela 2025 : महाकुंभ में नागा साधुओं के अखाड़ों की अपनी एक विशेष पहचान है, और उनकी चर्चा हर जगह हो रही है। हालांकि, बहुत कम लोग जानते हैं कि महाकुंभ में अघोरी भी होते हैं...
MahaKumbh Mela 2025 : महाकुंभ में नागा साधुओं के अखाड़ों की अपनी एक विशेष पहचान है, और उनकी चर्चा हर जगह हो रही है। हालांकि, बहुत कम लोग जानते हैं कि महाकुंभ में अघोरी भी होते हैं, लेकिन उन्हें पहचान पाना मुश्किल होता है। इसका कारण यह है कि दोनों ही साधु अपने शरीर पर भस्म लगाते हैं और रुद्राक्ष की माला, शस्त्र या दंड रखते हैं, जिससे उनके बीच का अंतर पहचान पाना सामान्य इंसान के लिए कठिन हो जाता है। नागा साधु और अघोरी दोनों ही हिंदू धर्म के साधु होते हैं, लेकिन उनकी जीवनशैली और खानपान में बहुत फर्क होता है।
नागा साधु आमतौर पर वन, गुफाओं और पहाड़ों में रहते हैं और शिव की भक्ति में लीन रहते हैं, जबकि अघोरी साधु श्मशान में समय बिताकर तंत्र विद्या की साधना करते हैं। नागा साधु मुख्यतः योग और ध्यान में तल्लीन रहते हैं, जबकि अघोरी तंत्र-मंत्र और अंधकार की शक्तियों से जुड़ी साधनाओं में लगे होते हैं।
जानें क्या है अंतर
इन दोनों के खानपान में भी अंतर होता है। अधिकतर नागा साधु शाकाहारी होते हैं, हालांकि कुछ मांसाहार भी करते हैं। शाकाहारी नागा साधु आमतौर पर भिक्षा मांगकर सरल और सात्विक आहार करते हैं, जिसमें फल, सब्जियां और अनाज शामिल होते हैं। उनका नियम होता है कि वे दिन में केवल एक बार भोजन करते हैं और अधिकतम सात घरों से भिक्षा लेते हैं।
वहीं, अघोरी साधु मांसाहारी होते हैं और किसी भी प्रकार का भोजन, जैसे मांस और मदिरा, ग्रहण कर सकते हैं। वे कभी-कभी श्मशान में भी भोजन करते हैं और कुछ अनोखी चीजें भी खाते हैं। उनके खानपान पर कोई विशेष प्रतिबंध नहीं होता। हालांकि, यह जानकारी सामान्य है और व्यक्तिगत रूप से हर साधु का दृष्टिकोण और आचरण भिन्न हो सकता है।