IPL 2025 : IPL के ‘रोबोट चंपक’ से नाराज हुई बच्चों की कॉमिक्स ‘चंपक, BCCI को भेजा लीगल नोटिस- मामला पहुंचा कोर्ट
IPL 2025 : बच्चों की लोकप्रिय पत्रिका ‘चंपक’ अब IPL मैचों के दौरान दिखने वाले रोबोट ‘चंपक’ से नाराज हो गया है। कॉमिक्स की प्रकाशक कंपनी दिल्ली प्रेस ग्रुप ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) पर आरोप लगाया है कि उन्होंने बिना अनुमति उनके ट्रेडमार्क नाम ‘चंपक’ का इस्तेमाल किया है। इस विवाद ने अब कानूनी रूप ले लिया है और मामला दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गया है।
क्या है पूरा मामला?
IPL 2025 के दौरान एक इंटरएक्टिव रोबोट ‘चंपक’ को दर्शकों के सामने पेश किया गया था। यह रोबोट दर्शकों से बात करता, खिलाड़ियों के इंटरव्यू में हिस्सा लेता और सोशल मीडिया के लिए मजेदार कंटेंट बनाता नजर आया। IPL आयोजकों ने इसे “AI एंटरटेनमेंट का भविष्य” बताया था। हालांकि, इस नाम को लेकर विवाद तब खड़ा हुआ जब कॉमिक्स चंपक की ओर से दावा किया गया कि यह नाम उनके दशकों पुराने ब्रांड से मेल खाता है और लोगों के बीच पहले से लोकप्रिय है। उनके अनुसार, ‘चंपक’ नाम बच्चों के लिए बनी एक प्यारी और शिक्षाप्रद पत्रिका का पर्याय है, जिसका उपयोग इस तरह के रोबोट के लिए करना ब्रांड की छवि को नुकसान पहुंचा सकता है।
क्या कहा प्रकाशक ने?
दिल्ली प्रेस, जो ‘चंपक’ कॉमिक्स का प्रकाशन करता है, ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए आरोप लगाया कि:
BCCI ने रोबोट का नाम ‘चंपक’ रखकर उनके पंजीकृत ट्रेडमार्क का उल्लंघन किया है।
बच्चों और अभिभावकों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है कि यह रोबोट उनके ब्रांड से जुड़ा है।
IPL जैसा बड़ा मंच कॉमिक ब्रांड की मूल भावना से मेल नहीं खाता और इससे ब्रांड की साख को नुकसान पहुंचा सकता है।
प्रकाशन कंपनी ने कोर्ट से मांग की है कि IPL में रोबोट ‘चंपक’ का उपयोग तत्काल रोका जाए और BCCI सार्वजनिक रूप से क्षमा मांगे।
कोर्ट की प्राथमिक सुनवाई
दिल्ली हाईकोर्ट ने BCCI को नोटिस जारी करते हुए दो सप्ताह के भीतर जवाब देने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि यह मामला ट्रेडमार्क उल्लंघन से संबंधित है और इसकी गंभीरता से जांच जरूरी है। न्यायमूर्ति दीपांकर घोष की बेंच ने कहा, “यदि ब्रांड नाम का दुरुपयोग हुआ है तो यह कॉमिक्स प्रकाशक की कानूनी सुरक्षा का विषय बनता है।”
क्या है इस पर BCCI की प्रतिक्रिया
BCCI ने इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है। सूत्रों के अनुसार, बोर्ड इस बात की जांच कर रहा है कि रोबोट ‘चंपक’ का नाम कैसे चुना गया और क्या इसके लिए कानूनी सलाह ली गई थी। बताया जा रहा है कि रोबोट को विकसित करने वाली एजेंसी ने नाम का चयन मार्केटिंग अपील के आधार पर किया था।
क्या कहता है कानून?
भारतीय ट्रेडमार्क कानून के अनुसार, यदि कोई नाम पहले से किसी कंपनी या उत्पाद के लिए पंजीकृत है, तो किसी अन्य संस्था द्वारा उसे व्यवसायिक उद्देश्यों के लिए उपयोग करना गैरकानूनी हो सकता है। यदि कोर्ट यह पाता है कि ‘चंपक’ नाम पहले से एक पंजीकृत ब्रांड है और उससे मेल खाने वाले नाम का गलत इस्तेमाल हुआ है, तो BCCI को नाम बदलने के साथ-साथ मुआवजा भी देना पड़ सकता है।
आगे क्या निर्णय ले सकता है BCCI ?
अब इस पूरे मामले पर सबकी निगाहें कोर्ट की अगली सुनवाई और BCCI की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं। अगर प्रकाशक की याचिका को समर्थन मिलता है, तो IPL में रोबोट ‘चंपक’ को या तो बंद करना पड़ सकता है या उसका नाम बदलना होगा।
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