Uttarakhand Panchayat Elections Notification : उत्तराखंड पंचायत चुनाव 2025 के लिए तारीखों का ऐलान, क्या हैं नियम कानून जानिए
उत्तराखंड में पंचायत चुनाव के लिए जारी हुए नोटिफिकेशन के बाद राज्य में राजनीति तेज हो गई है. गावों की बनने वाली सरकारों के लिए गांवों में राजनीतिक पार्टियां सक्रीय हो गई हैं ऐसे में देखना होगा कि इस बार ये चुनाव किस पार्टी के बेहतर भविष्य का ईशारा करेंगी.
Uttarakhand Panchayat Elections Notification : उत्तराखंड में पंचायत चुनावों की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। राज्य निर्वाचन आयोग ने 2025 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना के मुताबिक, 10 जुलाई 2025 को मतदान कराया जाएगा, जबकि मतगणना 13 जुलाई को होगी. राज्य भर के ग्रामीण इलाकों में पंचायत प्रतिनिधियों के चयन की यह प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता और सुरक्षा के बीच सम्पन्न की जाएगी।
चरणबद्ध होगा चुनाव
राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार पंचायत चुनाव इस बार तीन चरणों में नहीं, बल्कि एक ही चरण में संपन्न होंगे, जिससे प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके। प्रदेश के 13 जिलों में एक ही दिन मतदान कराने की योजना है, ताकि सरकारी तंत्र पर अतिरिक्त बोझ न पड़े और परिणामों में देरी न हो।

पंचायत के चुनाव में ये पद होंगे दांव पर
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था के तहत इस बार ग्राम पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के कुल 25,000 से अधिक पदों के लिए चुनाव कराए जाएंगे। आयोग ने स्पष्ट किया है कि सभी उम्मीदवारों को नामांकन पत्र 25 जून से 30 जून तक भरने होंगे। 1 जुलाई को नामांकन पत्रों की जांच होगी, जबकि 3 जुलाई नाम वापसी की अंतिम तारीख होगी।
महिला और युवाओं को आरक्षण का मिलेगा लाभ
इस बार के पंचायत चुनावों में महिलाओं के लिए 50% आरक्षण लागू रहेगा। साथ ही अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्गों को भी आरक्षण का लाभ दिया गया है। निर्वाचन आयोग ने कहा कि युवाओं को भी नेतृत्व में लाने के लिए प्रचार में डिजिटल साधनों का उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी।
आचार संहिता लागू
राज्य में पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही संबंधित क्षेत्रों में आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है। किसी भी सरकारी योजना की नई घोषणा, शिलान्यास या उद्घाटन पर रोक लगा दी गई है। अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करें।
ईवीएम नहीं, बैलेट पेपर से मतदान
पंचायत चुनाव में इस बार भी ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर का ही इस्तेमाल किया जाएगा। निर्वाचन आयोग ने ग्रामीण क्षेत्रों में ईवीएम की तकनीकी जटिलताओं को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है।
उत्तराखंड में पंचायत चुनाव सिर्फ राजनीतिक प्रक्रिया नहीं बल्कि ग्रामीण विकास की दिशा में एक बड़ा कदम हैं। ये चुनाव न केवल गांवों की सरकार बनाएंगे बल्कि राज्य के भविष्य की दिशा भी तय करेंगे। आयोग ने मतदाताओं से अपील की है कि बिना किसी दबाव के, स्वतंत्र रूप से मतदान करें और लोकतंत्र को मजबूत बनाएं।
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