Azam Khan News : आजम खान की 23 महीने बाद रिहाई: कितने दिनों तक रहेंगे ‘आजाद’?
Azam Khan Released : उत्तर प्रदेश की राजनीति में मुस्लिम सियासत के चेहरे माने जाने वाले आजम खान आज जेल से रिहा हो गए हैं। करीब 23 महीने की कैद के बाद उनका जेल का सफर समाप्त हुआ, लेकिन सवाल यही है कि क्या उनकी रिहाई स्थायी है या फिर यह केवल कुछ दिनों की मेहमाननवाज़ी है?
जेल से रिहाई, मगर 81 पेंडिंग केस हैं
हालांकि आजम खान की रिहाई को उनकी पार्टी और समर्थक खुशी से देख रहे हैं, मगर असली चुनौती अभी बाकी है। उनके खिलाफ 81 पेंडिंग केस दर्ज हैं, जिनमें कई सिविल, क्रिमिनल और सरकारी जमीन विवाद शामिल हैं। इन मामलों के चलते, आजम खान की राजनीतिक और व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर सदा खतरा मंडराता रहेगा।
जर्नलिस्ट इंडिया के सूत्रों की मानें तो उनके खिलाफ लंबित केसों में से कुछ मामले जल्दी निपटेंगे, मगर कई मामले लंबित प्रक्रिया के चलते सालों तक अदालतों में फंसे रह सकते हैं। इसका मतलब साफ है आजम खान की रिहाई थोड़े ही दिनों की मेहमान साबित हो सकती है।
राजनीतिक भविष्य और चुनौती
आजम खान की रिहाई के बाद उनकी राजनीतिक वापसी पर भी सबकी नजरें टिकी हुई हैं। उन्हें जेल से बाहर आते ही सपोर्टर्स और पार्टी कार्यकर्ताओं का भारी स्वागत मिला। लेकिन उनकी राजनीतिक सक्रियता लंबित मामलों के दायरे में बंधी रहेगी।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि उत्तर प्रदेश की आगामी चुनावी राजनीति में आजम खान की भागीदारी महत्वपूर्ण होगी। वहीं अदालत के मामलों के कारण उनकी प्रभावी उपस्थिति सीमित रह सकती है।
रिहाई के समय कौन-कौन मौजूद थे?
आजम खान की रिहाई के समय सीतापुर जेल के बाहर और अंदर दोनों जगह भारी संख्या में लोग मौजूद थे।
- अदीब आजम खान और अब्दुल्ला आजम खान – आजम खान के बेटे, जिन्होंने अपने पिता को जेल से लेने के लिए मौजूदगी दर्ज कराई।
- रुचि वीरा – मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी की सांसद, जिन्होंने रिहाई के समय आजम खान का स्वागत किया।
- शिवपाल यादव – समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता, जिन्होंने रिहाई के बाद आजम खान की पार्टी में सक्रिय भूमिका पर भरोसा जताया।
- अनिल वर्मा, राम हेत भारती, अफजाल कौशर, छत्रपाल यादव – समाजवादी पार्टी के अन्य नेता और जिलाध्यक्ष।
- सपा कार्यकर्ता और समर्थक – जेल के बाहर भारी संख्या में उपस्थित, जिन्होंने आजम खान का जोशपूर्ण स्वागत किया।
रिहाई के तुरंत बाद आजम खान सीधे रामपुर स्थित अपने आवास के लिए रवाना हुए, जहां भी समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं ने उन्हें भव्य स्वागत दिया।
आजम खान की रिहाई राजनीतिक और सामाजिक दृष्टि से एक बड़ी खबर है, लेकिन उनके सामने अभी 81 लंबित केसों की चुनौती खड़ी है। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि उनकी जेल से रिहाई कुछ ही दिनों की ‘स्वतंत्रता’ है, और आने वाले दिनों में उनके लिए ‘अच्छे दिन’ आसान नहीं होंगे।
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