Indian Economy: भारत ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक और बड़ा मुकाम हासिल कर लिया है। भारत अब जापान को पछाड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। इसकी घोषणा नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी. वी. आर. सुब्रह्मण्यम ने 24 मई 2025 को नई दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल मीटिंग के बाद की।
भारत कैसे बना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था?
नीति आयोग के CEO सुब्रह्मण्यम ने बताया कि भारत की मौजूदा नाममात्र जीडीपी (Nominal GDP) अब $4 ट्रिलियन तक पहुंच गई है, जिससे वह जापान को पीछे छोड़कर चौथे स्थान पर आ गया है। उन्होंने इस आंकड़े की पुष्टि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के नवीनतम डेटा के आधार पर की। अब भारत से आगे केवल अमेरिका, चीन और जर्मनी हैं।
IMF के आंकड़ों के अनुसार
IMF की अप्रैल 2025 की वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट के अनुसार, भारत की अनुमानित नाममात्र जीडीपी $4,187.017 बिलियन है, जबकि जापान की जीडीपी $4,186.431 बिलियन है।
भविष्य की दिशा: तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर
सुब्रह्मण्यम ने विश्वास जताया कि यदि भारत वर्तमान योजनाओं और रणनीतियों पर कायम रहता है, तो अगले 2.5 से 3 वर्षों में वह जर्मनी को पीछे छोड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि
“यह 140 करोड़ देशवासियों की सामूहिक मेहनत और आत्मनिर्भर भारत के विज़न का परिणाम है। यह केवल शुरुआत है।”
आर्थिक मजबूती का संकेत
भारत की अर्थव्यवस्था ने बीते वर्षों में कोविड-19 महामारी के प्रभावों से तेजी से उबरते हुए लगातार विकास दर्ज किया है। सरकारी नीतियों, उत्पादन प्रोत्साहन योजनाओं (PLI schemes), बुनियादी ढांचे में भारी निवेश और स्टार्टअप इकोसिस्टम की मजबूती ने भारत को वैश्विक आर्थिक मानचित्र पर नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि
भारत की युवा आबादी, बढ़ती खपत और तकनीकी नवाचार इसके विकास को और गति देंगे।
जापान को पीछे छोड़ना क्यों अहम है?
जापान लंबे समय से विश्व की प्रमुख अर्थव्यस्थाओं में शामिल रहा है। भारत द्वारा जापान को पीछे छोड़ना सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं, बल्कि वैश्विक शक्ति-संतुलन में एक महत्वपूर्ण बदलाव है। इससे भारत की वैश्विक राजनीति, निवेश और व्यापार वार्ताओं में भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो जाएगी।
भारत की आर्थिक प्रगति के प्रमुख कारण
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तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था: IMF के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था 2025 में 6.2% और 2026 में 6.3% की दर से बढ़ने की संभावना है, जो वैश्विक औसत से कहीं अधिक है।
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जनसांख्यिकीय लाभ: भारत की युवा और कार्यशील आबादी आने वाले दशकों में आर्थिक विकास को गति प्रदान करेगी।
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नीतिगत सुधार: सरकार द्वारा किए गए संरचनात्मक सुधार, जैसे उत्पादन प्रोत्साहन योजनाएं (PLI) और बुनियादी ढांचे में निवेश, आर्थिक विकास में सहायक रहे हैं।
भारत का चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना न केवल एक आंकड़ा है, बल्कि यह देश की वैश्विक आर्थिक स्थिति में बढ़ती भूमिका का संकेत है। यदि वर्तमान विकास दर और नीतिगत दिशा बनी रहती है, तो भारत निकट भविष्य में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।