Emergency : आज के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस समय आपात काल के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रचारक थे और इमरजेंसी के दौरान भूमिगत रहते हुए सक्रिय रूप से अपनी भूमिका निभाते रहे । कहा जाता है कि गिरफ्तारी से बचने के लिए नरेन्द्र मोदी भेष बदलकर भूमिगत हो गए थे. वो कभी साधु तो कभी सिख के रूप में भेष बदल बदल कर अपने साथियों की मदद करते रहे.
आपात काल के दौरान पीएम मोदी ने RSS और जनसंघ कार्यकर्ताओं के बीच संदेश पहुंचाने, संपर्क बनाए रखने और गोपनीय बैठकें आयोजित करने में भूमिका निभाई।
कहा जाता है कि उन्होंने छद्म नामों से पत्रक और पर्चे छापने में मदद की।
नरेंद्र मोदी ने 1978 में गुजराती में एक किताब लिखी —
“Aapatkaal Mein Gujarat” (आपातकाल में गुजरात) — जिसमें उन्होंने इमरजेंसी में गुजरात के हालात और भूमिगत संघर्ष को लिखा।