एकलव्य का अंगूठा और युवाओं का भविष्य काट रही सरकार…संसद में Rahul Gandhi का तीखा हमला
Rahul Gandhi ने अपने भाषण की शुरुआत में संविधान और मनुस्मृति की प्रतियां दिखाते हुए कहा कि सावरकर चाहते थे कि मनुस्मृति भारत के संविधान का स्थान ले।
Rahul Gandhi : लोकसभा में “संविधान की 75 वर्ष की गौरवशाली यात्रा” पर चर्चा में भाग लेते हुए नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपने 26 मिनट लंबे भाषण में संविधान, मनुस्मृति, और देश की मौजूदा स्थिति को लेकर सरकार पर तीखा हमला किया।
संविधान पर Rahul Gandhi का बयान
राहुल गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत में संविधान और मनुस्मृति की प्रतियां दिखाते हुए कहा कि सावरकर चाहते थे कि मनुस्मृति भारत के संविधान का स्थान ले। उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार ने संविधान की जगह मनुस्मृति के विचारों को लागू कर दिया है।
राहुल ने महाभारत के पात्र एकलव्य की गाथा का उल्लेख करते हुए कहा, “जिस तरह एकलव्य का अंगूठा काटा गया था, वैसे ही आज सरकार देश के युवाओं के अवसर छीन रही है।” उन्होंने कहा कि विपक्ष संविधान के विचारों का संरक्षक है और युवाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
सावरकर का जिक्र कर सरकार पर कटाक्ष
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि सावरकर ने भारतीय संविधान को अस्वीकार करते हुए इसे अप्राकृतिक बताया था। उन्होंने कहा, “जब सरकार देश के उद्योगपतियों को बड़े-बड़े प्रोजेक्ट, जैसे धारावी परियोजना, बंदरगाह, और एयरपोर्ट सौंपती है, तो यह देश की जनता का ‘अंगूठा काटने’ जैसा है।” राहुल ने यह भी कहा कि संविधान की रक्षा की बात करना सावरकर की विचारधारा के खिलाफ है, और सत्तापक्ष इसके विपरीत कार्य कर रहा है।
हाथरस घटना का जिक्र
राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए गैंगरेप का जिक्र करते हुए कहा कि अपराधियों को खुलेआम घूमने दिया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि पीड़िता के परिवार को न्याय नहीं मिला, जबकि मुख्यमंत्री ने इस मामले में झूठे बयान दिए। राहुल ने सवाल उठाया, “क्या यह संविधान में लिखा है? नहीं, यह मनुस्मृति के विचारों का हिस्सा हो सकता है, लेकिन संविधान में इसकी जगह नहीं।”
50% आरक्षण की दीवार तोड़ेंगे
राहुल गांधी ने जोर देकर कहा कि इंडिया अलायंस जाति जनगणना करेगा और आरक्षण में सुधार लाएगा। उन्होंने कहा, “हम संविधान की रक्षा करेंगे, और सामाजिक न्याय को प्राथमिकता देंगे। आप चाहे जो भी कहें, हम अपने काम पर अडिग रहेंगे। राहुल के भाषण ने संविधान, सामाजिक न्याय, और युवाओं के अधिकारों की लड़ाई को एक नई दिशा देने की बात को प्रमुखता से उठाया।