कांग्रेस ने आंबेडकर को कभी नहीं दिया सम्मान, BJP ने दिया भारत रत्न, Amit Shah का पलटवार
Amit Shah ने कहा कि कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर संविधान के मूल्यों को दरकिनार किया, न्यायपालिका और सावरकर का अपमान किया, और सेना के शहीदों को भी अनदेखा किया।
Amit Shah : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कांग्रेस के आरोपों का करारा जवाब देते हुए पार्टी पर तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करने और संविधान विरोधी मानसिकता रखने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कई मौकों पर संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर का अपमान किया है। यह बयान राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान उठे विवाद के बाद दिया गया, जिसमें शाह ने कांग्रेस पर तीखा प्रहार किया।
कांग्रेस पर Amit Shah का हमला
शाह ने कहा कि कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर संविधान के मूल्यों को दरकिनार किया, न्यायपालिका और सावरकर का अपमान किया, और सेना के शहीदों को भी अनदेखा किया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने एक बार फिर तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश कर समाज में भ्रम फैलाने का प्रयास किया है। यह उनकी पुरानी रणनीति है।”
आंबेडकर और भारत रत्न का मुद्दा
शाह ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने आंबेडकर को लंबे समय तक हाशिए पर रखा। उन्होंने कहा, “बाबा साहेब को भारत रत्न 1990 में मिला, जब कांग्रेस सत्ता में नहीं थी। इससे पहले कांग्रेस ने उनकी 100वीं जयंती मनाने तक से इनकार कर दिया था।” शाह ने यह भी कहा कि भाजपा ने हमेशा आंबेडकर के सिद्धांतों का सम्मान किया है और आरक्षण को मजबूत करने का काम किया है।
विपक्ष का विरोध
शाह के बयान के बाद विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने शाह पर आंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया और संसद में विरोध प्रदर्शन किया। सांसदों ने आंबेडकर की तस्वीरें लेकर प्रदर्शन किया और गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग की।
Amit Shah की सफाई
अमित शाह ने आरोप लगाया कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया। उन्होंने कहा, “राज्यसभा में मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर दिखाया गया। इससे पहले भी कांग्रेस ने पीएम मोदी के बयानों को एडिट कर जनता के सामने भ्रम पैदा किया था।”
संविधान के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित चर्चा में शाह ने कहा था कि विपक्षी दलों के लिए आंबेडकर का नाम लेना एक “फैशन” बन गया है। उन्होंने कहा, “वे आंबेडकर का नाम बार-बार लेते हैं, लेकिन उनकी भावनाएं और नीयत पर सवाल खड़ा होता है।
शाह के बयान के बाद विपक्ष ने इसे दलित समाज और आंबेडकर का अपमान करार दिया। कांग्रेस ने भाजपा पर आंबेडकर के योगदान को नजरअंदाज करने और केवल राजनीतिक लाभ के लिए उनके नाम का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। विपक्षी दलों ने यह भी कहा कि भाजपा ने कभी आंबेडकर की विचारधारा को सच्चे अर्थों में अपनाया ही नहीं। इस विवाद ने संसद के भीतर और बाहर राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है, जहां दोनों पक्ष एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं।