Atul Subhash Suicide Case : बेंगलुरु पुलिस ने अतुल सुभाष आत्महत्या मामले में बड़ी कामयाबी हासिल की है। पुलिस ने इस मामले में आरोपित पत्नी निकिता सिंघानिया को हरियाणा के गुरुग्राम से 14 दिसंबर को गिरफ्तार किया है। साथ ही, उनकी मां निशा सिंघानिया और भाई अनुराग को प्रयागराज से पकड़ा गया।
गिरफ्तारी के बाद तीनों को प्रयागराज की कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। वहीं, निकिता के चाचा सुशील सिंघानिया अभी भी फरार हैं, और उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है।
Atul Subhash का सुसाइड और गंभीर आरोप
9 दिसंबर को बेंगलुरु स्थित अपने फ्लैट में आत्महत्या करने से पहले, अतुल ने एक घंटे से ज्यादा का वीडियो रिकॉर्ड किया और 24 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी निकिता, सास निशा, साला अनुराग, चाचा ससुर सुशील और फैमिली कोर्ट की जज रीता कौशिक को आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया।
अतुल ने आरोप लगाया कि पिछले कुछ सालों से उन्हें लगातार मानसिक उत्पीड़न सहना पड़ा था। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी ने उनके खिलाफ झूठे मुकदमे दायर कराए और हर महीने 80,000 रुपये की मांग की, जबकि उनकी खुद की सैलरी इतनी ही थी।
फैमिली कोर्ट जज पर गंभीर आरोप
अतुल के सुसाइड नोट में आरोप है कि जब उन्होंने अपनी पत्नी से 3 करोड़ रुपये की मांग का विरोध किया, तो फैमिली कोर्ट की जज ने भी उनसे पैसे की मांग की। जज पर यह आरोप भी लगाया गया कि उसने पत्नी के झूठे आरोपों की अनदेखी करते हुए पक्षपाती फैसला दिया।
अतुल के पिता नाराज
अतुल के पिता पवन मोदी ने बताया कि उनका बेटा न्यायिक प्रणाली और वकीलों से निराश था। उन्होंने कहा, “अतुल ने कहा था कि जज और वकील भारत के कानून का पालन नहीं कर रहे हैं।
पुलिस की जांच जारी
यह घटना न्यायिक प्रणाली और दहेज उत्पीड़न कानून के दुरुपयोग को लेकर नए सवाल खड़े कर रही है। बेंगलुरु पुलिस अब निकिता के चाचा सुशील सिंघानिया की गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयास कर रही है।