Assam News : सरमा का बड़ा कदम… असम में 4 नए मंत्रियों के साथ टीम को किया मजबूत
Assam : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को अपने मंत्रिमंडल में चार नए मंत्रियों को शामिल करते हुए इसका विस्तार किया....
Assam : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को अपने मंत्रिमंडल में चार नए मंत्रियों को शामिल करते हुए इसका विस्तार किया। श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने प्रशांत फूकन, कौशिक राय, कृष्णेंदु पॉल और रूपेश गोआला को मंत्री पद की शपथ दिलाई। इस दौरान मुख्यमंत्री समेत उनके मंत्रिमंडल के सदस्य भी मौजूद थे।
डिब्रूगढ़ से चार बार विधायक रहे हैं और भाजपा के वरिष्ठ नेता माने जाते हैं। पाथरकांडी से दो बार विधायक चुने गए हैं। पहली बार विधायक बने हैं, जो क्रमश लखीपुर और डूम डूमा का प्रतिनिधित्व करते हैं।
रूपेश गोआला और कृष्णेंदु पॉल चाय जनजाति समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं, जबकि कौशिक राय और पॉल बराक घाटी के जिलों से ताल्लुक रखते हैं।
मंत्रिमंडल में बदलाव की वजह
चाय कल्याण और श्रम मंत्री संजय किशन ने गुरुवार को अपने पद से इस्तीफा दिया, जिससे गोआला के लिए जगह बन सकी। इसी तरह, परिमल शुक्लाबैद्य ने लोकसभा के सिलचर (एससी) निर्वाचन क्षेत्र से चुने जाने के बाद मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया था।
मुख्यमंत्री सरमा के नेतृत्व में मंत्रिमंडल
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा अब 19 सदस्यीय मंत्रिपरिषद का नेतृत्व कर रहे हैं। असम गण परिषद (एजीपी) और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) के तीन सदस्य भी इस मंत्रिमंडल का हिस्सा हैं। 126 सदस्यीय विधानसभा में एनडीए के पास 84 विधायकों का समर्थन है।
नए मंत्रियों की प्रतिक्रिया और कार्यभार
सभी नए मंत्रियों ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए राज्य की सेवा और विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है। विभागों का आवंटन अभी बाकी है और मुख्यमंत्री ने शनिवार शाम तक इसके होने की संभावना जताई है। नए मंत्रियों ने शपथ के बाद अपनी पहली कैबिनेट बैठक में हिस्सा लिया।
नए मंत्रियों का प्रोफाइल
70 वर्षीय वरिष्ठ नेता, जो 2006 से लगातार चार बार डिब्रूगढ़ से विधायक चुने गए। पूर्व छात्र नेता, जिन्होंने 2021 में भाजपा से चुनाव जीतकर पहली बार डूम डूमा का प्रतिनिधित्व किया। बराक घाटी से पहली बार विधायक बनने के बाद अब मंत्री पद पर काबिज हुए हैं। इस विस्तार से असम में भाजपा की पकड़ मजबूत होने के साथ क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने की भी कोशिश की गई है।