Train Hijacked In Balochistan : बलूचिस्तान में पूरी ट्रेन अगवा: सुरक्षा और स्थिरता पर बड़ा सवाल

BLA द्वारा ट्रेन को अगवा करना बलूचिस्तान में चल रहे संकट की गंभीरता को दर्शाता है। यह घटना न केवल पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौती है, बल्कि यह क्षेत्रीय स्थिरता और अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं पर भी प्रभाव डालेगी. पाकिस्तान सरकार को यह समझना होगा कि बलूचिस्तान की जरूरतें आखिर हैं क्या ?

Train Hijacked In Balochistan : पाकिस्तान में पूरी की ट्रेन को ही अगवा कर लिया गया है, हमारे सूत्र बता रहे हैं कि बलूचिस्तान के बोलन से अगवा किए गए जफर एक्सप्रेस में 450 से अधिक यात्री सवार हैं, BLA ने इनमें से 185 से अधिक यात्रियों को बंधक बनाया गया है. जिसके बाद BLA और पाक आर्मी के बीच हुई गोलीबारी में पाकिस्तान आर्मी के 10 से 12 सैनिक भी मारे गए हैं. BLA ने पाकिस्तान आर्मी को धमकी दी है कि अगर उन पर हमला नहीं रोका गया तो वो इन यात्रियों को मार देंगे. इस समय पाकिस्तान का बलूचिस्तान पहले से ज्यादा अशांत हो गया है. यहा पर बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) विद्रोही के तौर पर उभर रहा रहा है. इस घटना में कई सैनिकों और यात्रियों को बंधक बनाया गया, और यह बलूचिस्तान में दशकों से चल रहे विद्रोह और अस्थिरता को फिर से उजागर करता है।

कब और कैसे किया गया ट्रेन का अपहरण

बलूचिस्तान में जाफर एक्सप्रेस, जो नियमित रूप से यात्रियों को क्वेटा से रावलपिंडी तक ले जाती है, आज भी उसी तरह से अपने रूट पर थी. BLA द्वारा ट्रेन को बोलन जिले के पास एक सुरंग में रोका गया। BLA के लड़ाकों ने ट्रेन ट्रैक पर विस्फोट कर उसे क्षतिग्रस्त कर ट्रेन को रुकने पर मजबूर कर दिया। इसके बाद, सशस्त्र विद्रोहियों ने ट्रेन पर कब्जा कर लिया और उसमें सवार 140 सैनिकों सहित अन्य यात्रियों को बंधक बना लिया। इस हमले में कुछ सैनिक मारे गए और कई घायल हो गए। घटना के बाद BLA ने इसकी जिम्मेदारी लेते हुए इसे अपने “स्वतंत्रता संग्राम” का हिस्सा बताया।

क्या है बलूचिस्तान में विद्रोह का इतिहास ?

बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है, लेकिन यहां लंबे समय से असंतोष और अशांति बनी हुई है। स्थानीय लोग दावा करते हैं कि उनके प्राकृतिक संसाधनों का दोहन किया जा रहा है, जबकि उन्हें बुनियादी सुविधाओं और विकास से वंचित रखा गया है। इस असंतोष के चलते कई अलगाववादी समूह सामने आए, जिनमें बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी सबसे प्रमुख है। BLA का उद्देश्य बलूचिस्तान को पाकिस्तान से स्वतंत्र करना है। यह समूह अक्सर सरकारी प्रतिष्ठानों, सेना, और विदेशी परियोजनाओं को निशाना बनाता है।

इस घटना का प्रभाव और BLA का संदेश

ट्रेन को अगवा करने की घटना से यह स्पष्ट होता है कि बलूचिस्तान में सुरक्षा व्यवस्था कमजोर है। यह घटना न केवल सेना और खुफिया एजेंसियों की चूक को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि BLA ने अपनी रणनीति और ताकत को बढ़ा लिया है। बलूचिस्तान में ऐसे हमले न केवल पाकिस्तान के लिए बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भी खतरा हैं। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) जैसे अंतरराष्ट्रीय परियोजनाएं भी यहां सक्रिय हैं, जिन्हें BLA लगातार निशाना बनाता रहा है।

इस पर पाकिस्तानी सरकार और सेना की प्रतिक्रिया

पाकिस्तानी सरकार और सेना ने इस घटना की निंदा की है और स्थिति पर नियंत्रण पाने का दावा किया है। हालांकि, बलूचिस्तान में हिंसा और विद्रोह को दबाने के लिए की गई सैन्य कार्रवाई ने केवल असंतोष को बढ़ाया है। इसके अलावा, सरकार का बलूच जनता के साथ संवाद और विकास योजनाओं में कमी उनकी समस्याओं को और जटिल बना रही है।

समस्या का समाधान क्या हो सकता है?

बलूचिस्तान में विद्रोह को समाप्त करने के लिए केवल सैन्य कार्रवाई पर्याप्त नहीं है। यहां के लोगों की शिकायतों को दूर करने के लिए पाकिस्तान सरकार को गंभीर कदम उठाने होंगे।

  1. बलूच नेतृत्व और अलगाववादी समूहों के साथ बातचीत शुरू करना।
  2. बलूचिस्तान के लोगों को उनके प्राकृतिक संसाधनों से होने वाले लाभों का हिस्सा और विकास योजनाएं देनी होंगी।
  3. यहां युवाओं को रोजगार और शिक्षा के अवसर प्रदान कर विद्रोह में उनकी भागीदारी कम करनी होगी।
  4. बलूचिस्तान के लोगों के साथ महत्वपूर्ण संस्थानों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए प्रभावी योजनाएं बनानी होंगी।

BLA द्वारा ट्रेन को अगवा करना बलूचिस्तान में चल रहे संकट की गंभीरता को दर्शाता है। यह घटना न केवल पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौती है, बल्कि यह क्षेत्रीय स्थिरता और अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं पर भी प्रभाव डालेगी. पाकिस्तान सरकार को यह समझना होगा कि बलूचिस्तान की जरूरतें आखिर हैं क्या ?

 

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