Dhanteras 2024 : धनतेरस क्यों है खास? जानें इस पर्व का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
Dhanteras : धनतेरस पर लोग सोना, चांदी और बर्तन खरीदना शुभ मानते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि धनतेरस क्यों मनाया जाता है और इसके पीछे की परंपरा क्या है?
Dhanteras : हर साल दीपावली से दो दिन पहले धनतेरस का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी और धन के देवता भगवान कुबेर की पूजा की जाती है, ताकि घर में समृद्धि और सुख-शांति बनी रहे। खासकर भारत में धनतेरस पर लोग सोना, चांदी और बर्तन खरीदना शुभ मानते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि धनतेरस क्यों मनाया जाता है और इसके पीछे की परंपरा क्या है? आइए, इस खास दिन के महत्व और इससे जुड़ी परंपराओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।
धनतेरस का धार्मिक महत्व
धनतेरस का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इसे धन त्रयोदशी या धनवन्तरि त्रयोदशी भी कहा जाता है। पुराणों के अनुसार, समुद्र मंथन के समय इसी दिन भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। धन्वंतरि देवताओं के चिकित्सक थे और आयुर्वेद के जनक माने जाते हैं। इस दिन को स्वास्थ्य, समृद्धि और दीर्घायु के लिए शुभ माना जाता है, इसलिए लोग धनतेरस पर स्वर्ण, चांदी, बर्तन आदि खरीदना शुभ मानते हैं।
धनतेरस पर बर्तन, सोना और चांदी खरीदने की परंपरा
धनतेरस के दिन सोना, चांदी और बर्तन खरीदने की परंपरा का धार्मिक महत्व है। मान्यता है कि इस दिन खरीदा गया सामान घर में समृद्धि लाता है और वर्षभर घर में धन का प्रवाह बना रहता है। प्राचीन समय में लोग धन्वंतरि के सम्मान में औषधि और स्वास्थ्य से जुड़े सामान खरीदते थे, लेकिन धीरे-धीरे इस परंपरा ने धातुओं के रूप में विस्तार ले लिया। आज भी बर्तन, सोना, और चांदी खरीदना शुभ माना जाता है।
धनतेरस पर दीपदान का महत्व
धनतेरस के दिन यमराज के लिए दीपदान करने की भी परंपरा है। इसे ‘यम दीपदान’ कहते हैं। मान्यता है कि धनतेरस की शाम को घर के मुख्य द्वार पर दीप जलाने से यमराज प्रसन्न होते हैं और इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है। इसे यमराज के समक्ष श्रद्धांजलि स्वरूप देखा जाता है और यह दीपदान परिवार को अनहोनी से भी बचाता है।
धनतेरस की पूजा विधि
धनतेरस के दिन घर की साफ-सफाई कर शाम को लक्ष्मी-गणेश, भगवान धन्वंतरि और भगवान कुबेर की पूजा की जाती है। लक्ष्मी जी की आरती के साथ ही दीप जलाकर घर के मुख्य द्वार और आंगन में रखे जाते हैं। धनतेरस की पूजा करने से घर में समृद्धि और खुशहाली का वास होता है।
धनतेरस का सामाजिक महत्व
धनतेरस का पर्व न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी खास महत्व रखता है। यह दिन धन, स्वास्थ्य और समृद्धि के प्रति हमारी सोच को दर्शाता है। साथ ही यह हमें अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने का संदेश देता है, क्योंकि धन्वंतरि स्वास्थ्य के देवता माने जाते हैं।
धनतेरस की इस परंपरा में एक गहरा संदेश है – कि सुख और समृद्धि के साथ स्वास्थ्य का भी महत्व है। इस खास पर्व पर भगवान धन्वंतरि और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए सभी विधिपूर्वक पूजा और दान का पालन करते हैं।
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