धर्म की रक्षा या सोशल मीडिया पर रील? कन्हैया कुमार ने किया फडणवीस पर तीखा वार…BJP ने जताई आपत्ति
Devendra Fadnavis : कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने धर्म के नाम पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस पर तंज कसते हुए कहा....
Maharashtra : महाराष्ट्र में धर्म को लेकर राजनीति गरमा गई है, और अब कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ( Kanhaiya Kumar ) भी इस बहस में शामिल हो गए हैं। कन्हैया ने धर्म के नाम पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस पर तंज कसा, जिसमें उन्होंने फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस के इंस्टाग्राम रील बनाने पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि यह कैसे हो सकता है कि जनता को धर्म की रक्षा करने का उपदेश दिया जाए, जबकि नेताओं के परिवार सदस्य रील बनाते हों। बीजेपी ने इस टिप्पणी पर नाराजगी जाहिर की है और इसे मराठी महिला अस्मिता का अपमान बताया है।
चुनाव प्रचार के दौरान इस बयान पर विवाद
महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार के दौरान इस बयान पर विवाद और बढ़ सकता है। राज्य में 20 नवंबर को 288 सीटों पर मतदान होगा और नतीजे 23 नवंबर को आएंगे। कन्हैया, जो कि जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष रहे हैं, नागपुर में कांग्रेस उम्मीदवार प्रफुल्ल गुडाधे के समर्थन में रैली के लिए पहुंचे थे, जहां उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार देवेंद्र फडणवीस पर बिना नाम लिए उनकी पत्नी पर कटाक्ष किया।
गृह मंत्री अमित शाह के बेटे पर भी साधा निशाना
कन्हैया ने गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि उनके बेटे को क्रिकेट बोर्ड में आईपीएल टीम बनाने का अवसर दिया गया है, जबकि जनता से ड्रीम 11 पर टीम बनाने के लिए कहा जाता है। कन्हैया ने आरोप लगाया कि भावनाओं का गलत उपयोग कर लोगों से उनके अधिकार छीने जा रहे हैं।
बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कन्हैया की इस टिप्पणी को हर मराठी महिला का अपमान बताते हुए आपत्ति जताई। साथ ही, उन्होंने कन्हैया को 2016 में संसद हमले के दोषी अफजल गुरु का समर्थक बताते हुए कटघरे में खड़ा किया।
कन्हैया का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में “वोट जिहाद” को महायुति के खराब प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार ठहराया था। फडणवीस का मानना है कि मुस्लिम वोटों के एकजुट होने से महा विकास अघाड़ी को 14 सीटों पर बढ़त मिली, जिससे महायुति को इन सीटों पर हार का सामना करना पड़ा।