Dr. Sudhir Prakash : एक ऐसा अध्यापक जिनकी मेहनत औऱ लगन ने उन्हें दिलाई एक अलग ख्याति, शिक्षा और समाज सेवा के प्रेरणास्त्रोत

अयोध्या: डॉ. सुधीर प्रकाश: अयोध्या के प्रेरणादायक शिक्षक और समाजसेवी, 25 वर्षों की शिक्षा और समाज सेवा की यात्रा, 15,000+ छात्रों के जीवन में बदलाव

Dr. Sudhir Prakash : जब बात आती है समर्पित शिक्षक की, तो डॉ. सुधीर प्रकाश का नाम अवश्य सामने आता है। डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के गणित विभाग के यह शिक्षक पिछले 25 वर्षों से न केवल शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दे रहे हैं, बल्कि सामाजिक जागरूकता और राष्ट्रभक्ति के क्षेत्र में भी मिसाल कायम कर रहे हैं। प्रतिदिन छह कक्षाओं को पढ़ाना, हजारों छात्रों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना, और प्रशासनिक जिम्मेदारियों के साथ-साथ सामाजिक कार्य करना, यह सब कुछ डॉ. सुधीर के कार्यक्षेत्र में शामिल है। प्रतिदिन छह कक्षाएं पढ़ाने वाले डॉ. सुधीर, विपरीत परिस्थितियों में भी अपने कर्मपथ से डगमगाए नहीं और यही वजह है कि उन्हें अयोध्या का शिक्षक आइकॉन के रूप में जाना जाता है।

डॉ. सुधीर प्रकाश की जीवन उपलब्धिया

डॉ. सुधीर प्रकाश की मेहनत और लगन ने उन्हें अयोध्या का शिक्षक आइकॉन बना दिया है। वर्ष 2025 में एक संस्था द्वारा उन्हें यह सम्मान प्रदान किया जा चुका है। उनकी इस पहचान का एक प्रमुख कारण यह है कि उन्होंने पिछले 25 वर्षों में लगभग 15,000 विद्यार्थियों को बीटेक, एमटेक, एमसीए, बीएससी और एमएससी स्तर पर प्रत्यक्ष रूप से पढ़ाया है। उनके द्वारा पढ़ाए गए छात्र अब भारतीय प्रशासनिक सेवाओं, अभियांत्रिकी, वैज्ञानिक, सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्रों में देश और विदेश में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

11 सितंबर 2025 को विश्वविद्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक में डॉ. सुधीर प्रकाश ने अपने साप्ताहिक करिकुलम और विभाग में शिक्षक कमी की समस्या को सामने रखा। उनके विभाग में कुल सात शिक्षक पद सृजित हैं, लेकिन कई वर्षों से केवल दो शिक्षक ही कार्यरत हैं। इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि अतिथि प्रवक्ता के अभाव में उन्हें अतिरिक्त जिम्मेदारी निभानी पड़ती है। इस पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उनके लिए कॉलर माइक और अतिथि प्रवक्ता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।

डॉ. सुधीर प्रकाश का योगदान केवल कक्षाओं तक ही सीमित नहीं है। उन्होंने 10 पुस्तकें, 50 से अधिक शोध पत्र, 40 से अधिक आमंत्रित व्याख्यान, और 50 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कार्यशालाओं/सम्मेलनों में भाग लिया है। इसके अलावा, कई विद्या वाचस्पति का निर्देशन भी उन्होंने किया है। उनके कार्य और शोध न केवल शिक्षा क्षेत्र में बल्कि समाज और राष्ट्र के लिए भी प्रेरणास्पद हैं।

डॉ. सुधीर प्रकाश ने अपने करियर में विश्वविद्यालय स्तर पर कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां भी निभाई हैं। वे सहायक कुलानुशासक, अधीक्षक (छात्रावास), एंटी रैगिंग समिति और खेलकूद समिति के सदस्य रह चुके हैं। इसके अलावा, उन्होंने परीक्षा प्रभारी, प्रशासनिक प्रभारी, पुस्तकालय प्रभारी और “बोर्ड ऑफ गवर्नेंस” के सदस्य के रूप में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

शिक्षा के साथ साथ जागरूकता अभियान के भी अग्रणी पुरोधा

शिक्षण के साथ-साथ डॉ. सुधीर सामाजिक क्षेत्र में भी सक्रिय हैं। उन्होंने वोटर जागरूकता अभियान के माध्यम से अयोध्या जिले में मतदाता प्रतिशत बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। इसके अलावा, संस्थान के पास स्थित गांव “पासी का पुरवा” में उन्होंने छात्रों के साथ मिलकर साक्षरता, कर्तव्य और सरकारी योजनाओं की जानकारी फैलाने का कार्य किया। कोरोना काल में उन्होंने छात्रों के साथ मिलकर सेवा भारती के बैनर तले स्वास्थ्य सेवाओं और जागरूकता अभियान का नेतृत्व किया। वे रक्तदान शिविरों में भी सक्रिय रहे और अपने छात्रों के साथ लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करते रहे।

डॉ. सुधीर प्रकाश की इस समर्पित सेवा का असर केवल उनके छात्रों पर ही नहीं बल्कि पूरे समाज पर पड़ा है। उनके विभागाध्यक्ष डॉ. अनूप कुमार कहते हैं, “डॉ. सुधीर प्रकाश न केवल एक आदर्श शिक्षक हैं, बल्कि समाज और राष्ट्र के प्रति जागरूक नागरिक भी हैं। उनके जैसे शिक्षक से विश्वविद्यालय और समाज दोनों गर्व महसूस करते हैं।”

डॉ. सुधीर का शिक्षा के प्रति समर्पण इस बात में स्पष्ट दिखता है कि उन्होंने बीटेक, एमटेक, एमसीए, बीएससी और एमएससी के छात्रों को न केवल गणित की जटिल अवधारणाएं समझाई, बल्कि उन्हें अनुशासन, नैतिकता और राष्ट्रभक्ति का पाठ भी पढ़ाया। उनके अनेक पूर्व छात्र भारत और विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर रहे हैं और विश्वविद्यालय का नाम रोशन कर रहे हैं।

अयोध्या में डॉ. सुधीर प्रकाश जैसा शिक्षक होना एक बड़े सौभाग्य की बात है। वे न केवल अपने शिक्षण कार्य में उत्कृष्ट हैं, बल्कि सामाजिक सेवा, राष्ट्रभक्ति और छात्रों के चरित्र निर्माण में भी अग्रणी हैं। हर दिवाली, दीपोत्सव और सामाजिक कार्यक्रम में उनका योगदान अमूल्य रहा है। इसके साथ ही, वे राष्ट्रीय चैनलों के माध्यम से अयोध्या और राष्ट्रभक्ति से जुड़े मुद्दों पर संवाद भी करते रहते हैं।

डॉ. सुधीर प्रकाश की कहानी यह दिखाती है कि शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं है; यह समाज और राष्ट्र के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बन सकती है। उनके योगदान ने न केवल अयोध्या, बल्कि पूरे देश के छात्रों, शिक्षक और समाज को यह संदेश दिया है कि समर्पण, लगन और मेहनत से किसी भी कठिनाई को पार किया जा सकता है।

डॉ. सुधीर प्रकाश की जीवन यात्रा हमें यह सिखाती है कि एक शिक्षक का कर्तव्य केवल ज्ञान देना नहीं है, बल्कि समाज, राष्ट्र और मानवता के प्रति जिम्मेदार होना भी है। उनकी शिक्षा, सामाजिक योगदान और राष्ट्रभक्ति ने उन्हें न केवल अयोध्या का बल्कि पूरे देश का गौरव बनाया है।

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