MahaKumbh 2025 : महाकुंभ मेला में मिलेगा स्वाद का संगम, चाय से लेकर लिट्टी चोखा तक सब कुछ, जानें क्या-क्या मिलेगा

MahaKumbh Mela 2025 : महाकुंभ मेला 2025 एक बार फिर अपनी भव्यता और आध्यात्मिक महत्व के कारण विश्वभर में आकर्षण का केंद्र बनेगा। यह मेला 13 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित होगा....

MahaKumbh Mela 2025 : महाकुंभ मेला 2025 एक बार फिर अपनी भव्यता और आध्यात्मिक महत्व के कारण विश्वभर में आकर्षण का केंद्र बनेगा। यह मेला 13 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित होगा और गंगा, यमुना, गोदावरी और शिप्रा नदियों के तटों पर मनाया जाएगा। महाकुंभ मेला न केवल धार्मिक अनुष्ठानों का केंद्र होता है, बल्कि यहां के स्वादिष्ट भोजन भी श्रद्धालुओं और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।

उत्तर प्रदेश स्टेट टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन द्वारा फूड कोर्ट की व्यवस्था की गई है, ताकि श्रद्धालुओं को बेहतर और स्वादिष्ट भोजन मिल सके। आइए जानते है, कुंभ में क्या-क्या मिलेगा…

  • लंगर का खाना: दाल-चावल, रोटी-सब्जी, छोले, राजमा, हलवा, खीर और पूड़ी-सब्जी जैसे पौष्टिक और स्वादिष्ट व्यंजन श्रद्धालुओं को मिलते हैं। यह भोजन आध्यात्मिक माहौल में संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।
  • अवधी थाली: प्रयागराज के महाकुंभ में अवधी थाली का स्वाद लेना एक विशेष अनुभव होता है, जिसमें पारंपरिक अवधी व्यंजन जैसे बिरयानी, कबाब, तंदूरी रोटी आदि शामिल होते हैं।
  • तंदूरी चाय: तंदूरी चाय का स्वाद चाय प्रेमियों के लिए एक अनोखा अनुभव होता है। इसमें चाय को तंदूर में पकाया जाता है, जिससे उसका स्वाद और सुगंध बेहद खास बन जाती है।
  • लस्सी: मलाईदार दही से बनी यह ताजगी से भरपूर पेय कुंभ मेले के गर्म मौसम में राहत प्रदान करता है और यह मीठे या नमकीन दोनों रूपों में मिलती है।
  • कंदमूल: कंदमूल से बने स्वादिष्ट व्यंजन भी महाकुंभ में उपलब्ध होते हैं। यह एक विशेष फल है, जो नारियल के जूस जैसा होता है और स्वाद के साथ पोषण भी प्रदान करता है।
  • लिट्टी चोखा: बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रसिद्ध लिट्टी चोखा भी महाकुंभ में मिलता है, जो इस क्षेत्र के पारंपरिक स्वाद को प्रस्तुत करता है।

महाकुंभ का यह खान-पान न केवल श्रद्धालुओं को ऊर्जा प्रदान करता है, बल्कि यह विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं का अद्भुत मिश्रण भी प्रस्तुत करता है। हर दिन लंगर का आयोजन होता है, जो विशेष रूप से सिख धर्म से जुड़ा है, लेकिन अब यह महाकुंभ जैसे बड़े आयोजनों का अहम हिस्सा बन चुका है।

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