Amarnath Yatra 2024 News : आज, 29 जून से 52 दिनों की श्री अमरनाथ यात्रा का शुभारंभ हो गया है। यह पवित्र यात्रा 19 अगस्त को समाप्त होगी। हर साल हजारों श्रद्धालु इस यात्रा में भाग लेते हैं और भगवान शिव के पवित्र अमरनाथ गुफा में दर्शन के लिए जाते हैं। इस वर्ष भी यात्रा के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का उत्साह देखा जा रहा है।अमरनाथ गुफा, जम्मू-कश्मीर के हिमालयी क्षेत्र में स्थित है और यह भगवान शिव का महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल माना जाता है। यात्रा की शुरुआत पारंपरिक पूजा-अर्चना और मंत्रोच्चारण के साथ की गई। प्रशासन ने यात्रा की सुरक्षा और सुविधाओं के लिए विशेष प्रबंध किए हैं, जिससे श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। इस वर्ष की यात्रा के लिए सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और भारतीय सेना के जवानों को यात्रा मार्ग पर तैनात किया गया है। ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से यात्रा की निगरानी की जा रही है। इसके अलावा, स्वास्थ्य सेवाओं के लिए विशेष मेडिकल कैम्प भी लगाए गए हैं ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटा जा सके। यात्रा के मार्ग में अनेक स्थानों पर लंगर और विश्राम स्थलों की व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान ठहरने, खाने-पीने और आराम करने की पूरी सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही, पर्यावरण को संरक्षित रखने के लिए प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा भी प्रदान की है।
इस वर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने ऑनलाइन पंजीकरण करवाया है, जिससे यात्रा का संचालन सुचारू रूप से किया जा सके। बोर्ड ने यात्रा के दौरान कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करने की भी अपील की है।श्रद्धालुओं का उत्साह और भक्ति का भाव देखते ही बनता है। अमरनाथ यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण मानी जाती है। यात्रा के दौरान लोग एक-दूसरे से मिलते हैं, सांस्कृतिक आदान-प्रदान होता है और भाईचारे का संदेश फैलता है। इस प्रकार, श्री अमरनाथ यात्रा श्रद्धा और भक्ति का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो लोगों के दिलों में भगवान शिव के प्रति आस्था को और भी मजबूत करता है।
रिपोर्ट
देवाशीष शर्मा