कुवैत क्यों है भारतियों की पसंद ? आखिर 48 लाख आबादी वाले कुवैत में 10 लाख से ज्यादा भारतीय क्यों ?
Why is Kuwait the choice of Indians? Why are there only 10 Indians in Kuwait which has a population of 48 lakhs?
Journalist India : इन दिनों कुवैत सुर्खियों में है, कुवैत में एक रिहाईसी इमारत में आग लगने से तकरीबन 42 भारतियों की मौत हो गई, इसको लेकर अंतराष्ट्रीय लेबल पर काफी आवाजें उठी, और बिल्डिंग के मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया है. भारत के प्रधानमंत्री औऱ विदेश मंत्री समेत बड़े नेता, उद्योगपति औऱ आम जनता ने इस पर दुख प्रकट किया है. भारत ने भी मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रूपए मुआवजा देने की बात कही है औऱ डेड बॉडी लाने के लिए विमान को कुवैत भेजा है.
इन सबके बीच भारत से 3300 किलोमीटर दूर गल्फ कंट्री में आखिर भारी मात्रा में क्यों जाते हैं भारतीय ?
कुवैत क्यों है भारतियों के आकर्षण का केन्द्र?
कहा जाता है कि कुवैत नौकरी करने वालों के लिए बहुत फायदेमंद जगहों में से एक है. भारत में जिन कामगारों को 10-20 हजार की भी नौकरी नहीं मिलती उन कामगारों को कुवैत में 50 हजार से 1 लाख और उससे भी उपर सैलरी आफर की जाती है, यहां हजारों कमाने वाले भारतीय युवा कुवैत में लाखों रूपए हर महीने तक कमा लेते हैं। यहा काम करने के भी कई नियम कानून हैं जो रोजगार ढूढने वालों को खूब भाते हैं.
एक चमचमाता हुआ देश है कुवैत
बाहर से देखने में कुवैत एक चमचमाता हुआ देश लगता है जो सबसे ज्यादा आकर्षण का केन्द्र है, कुवैत में बाहरी कारोबार का विस्तार काफी तेजी से हो रहा है, यहां तमाम विदेशी कंपनियां अपना बिजनेस जमा रही हैं, अच्छी स्किल वाले युवाओं और बाकी के कामगारों को यहां हर महीने तकरीबन औसतन 400 कुवैती दिनार मिल जाते हैं जो कि भारतीय करेंसी में 1 लाख 9 हजार 55 रुपये बैठता है। कुवैत में नौकरी करने वालों के लिए सबसे प्राइम जॉब मॉल मैनेजर या फिर होटल इंडट्री की जॉब है. इस समय चमचमाते कुवैत में भी सऊदी अरब या बाकी देशों की तरह शॉपिंग मॉल कल्चर तेजी से हॉट सैक्टर बनता जा रहा है, यहां रियल एस्टेट काफी तेजी से मॉल कल्चर को फैला रहा है, कुवैत में तेजी से दुनिया के बेहतरीन शॉपिंग सेंटर भी बनाए जा रहे. जिसके चलते ट्यूरिज्म के बढ़ने के साथ होटल इंडस्ट्री के लिए भी एक अच्छा फ्यूचर बन रहा है, ऐसे में यहां होटल मैनेजर औऱ औऱ मॉल मैनेजर की काफी डिमांड है, इस काम के लिए उन्हें हर महीने 500 से 700 कुवैती दिनार आफर किए जाते हैं जिनकी भारत में वैल्यू डेढ़ से 2 लाख के बीच होती है.
कुवैत में अंग्रेजी टीचरों की काफी डिमांड
आम तौर पर कुवैत में भले ही अरबी और फारसी बोली जाती हो लेकिन ग्लोबल मार्केट बनने के चलते यहां इंग्लिस टीचर की काफी डिमांड है, एक इंग्लिश टीचर को यहां तकरीबन हर महीने औसतन 300 से 350 कुवैती दिनार यानी भारतीय रूपयों में 95 हजार से 1 लाख से ऊपर पैसे कमाने का मौका मिलता है.
कुवैत में रियल एस्टेट में अच्छी नौकरियां
कुवैत में सबसे ज्यादा पैसे देने वाली जीनियरिंग औऱ रियल एस्टेट सेक्टर है. इस समय यहां पर काफी काम हो रहा है, यहां इस सेक्टर में हर महीने औसतन 600 से 750 कुवैती दिनार मिलते हैं जो कि भारत में पौने दो से ढाई लाख तक बन जाते हैं .
कुवैत में भारतियों के अलावा औऱ कौन-कौन से देश के लोग काम करते हैं?
कुवैत में भारत के बाद सबसे ज्यादा मिश्र के लोग हैं जिसके बाद बाग्लादेश और फिर फ्लिपींस के कामगार रहते रहते हैं
कुवैत में कैसा है रहना खाना-पीना सौपिंग?
वैसे तो कुवैत को खान-पान और रहने के लिए सबसे सस्ता देश माना जाता है लेकिन जर्नलिस्ट इंडिया ने जब कुवैत में रह रहे भारतियों से पूछा तो उन्होंने इसे इसके उलट बताया, कुवैत में रह रहे भारतियों का कहना है कि अगर एक आदमी किसी रैस्टोरैंट में अकेले पेटभर खाना खाता है तो उसे 2 से तीन हजार रूपए तक चुकाने पड़ते हैं, जो कि इस लिहाज से काफी महंगा साबित होता है.