PM Modi Vande Mataram : संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “वंदे मातरम्” पर विशेष चर्चा करते हुए इसे भारत की आत्मा और स्वतंत्रता आंदोलन की सबसे बड़ी प्रेरणा बताया. उनका भाषण संसद के दोनों सदनों के भीतर और बाहर व्यापक चर्चा का विषय बन गया.
प्रधानमंत्री ने कहा कि “वंदे मातरम् सिर्फ एक गीत नहीं, बल्कि हर भारतीय के दिल में धड़कता राष्ट्रभाव है. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि आजादी के संघर्ष के दौरान यह नारा देशवासियों के लिए एक शक्ति-मंत्र की तरह काम करता रहा है.
भाषण के दौरान उन्होंने यह बात भी कही कि वंदे मातरम् ने समाज, भाषा और क्षेत्र की सीमाओं से ऊपर उठकर देश को एकजुट किया। उन्होंने कहा कि विदेशी शासन के दौर में इस गीत ने लाखों लोगों को एक ही धागे में पिरोया।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने वर्तमान दौर से जोड़ते हुए कहा कि आज देश को उसी भावना की आवश्यकता है. जहां नागरिक सिर्फ अधिकारों की बात नहीं बल्कि कर्तव्यों को भी प्राथमिकता दें।
उन्होंने संसद को संबोधित करते हुए यह संदेश दिया कि “वंदे मातरम् केवल शब्द नहीं, यह भारत की चेतना है, और इसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना हम सभी की जिम्मेदारी है।”
पीएम मोदी के इस भाषण के बाद संसद में सत्ता पक्ष के सांसदों ने मेज थपथपाकर समर्थन जताया, जबकि विपक्षी सदस्यों ने इस विषय पर विस्तृत बहस की मांग की.
राजनीतिक गलियारों में इसे राष्ट्रीय भावना को मजबूत करने वाला संदेश बताया जा रहा है।