Asia Cup 2025 : हाथ मिलाने से इनकार: गांभीर का नया “प्रोटोकॉल” और इंडिया-पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव
दुबई-दिल्ली :- एशिया कप में हाथ मिलाने से इनकार: गंभीर का सख़्त रुख़ और बढ़ता विवाद
India vs Pakistan : भारत और पाकिस्तान के बीच सुपर-4 का रोमांचक मुकाबला भारतीय टीम ने जीत लिया। लेकिन मैच के बाद जो दृश्य सामने आया, उसने क्रिकेट जगत को चौंका दिया। भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तान टीम से हाथ मिलाने से साफ इनकार कर दिया। टीम इंडिया के कोच गौतम गंभीर ने खिलाड़ियों को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि “सिर्फ अंपायरों से हाथ मिलाओ, पाकिस्तान के खिलाड़ियों से नहीं।”
मैच के बाद की तस्वीर
आमतौर पर हर मुकाबले के बाद दोनों टीमें एक-दूसरे से हाथ मिलाकर खेल भावना का परिचय देती हैं। लेकिन इस बार भारत की टीम सीधे पवेलियन लौट गई। बाद में जब गंभीर ने खिलाड़ियों को बुलाया तो उन्होंने केवल अंपायरों से हाथ मिलाया, विपक्षी खिलाड़ियों से नहीं। यह नज़ारा कैमरों में कैद होते ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
भारतीय कोच गौतम गंभीर का तर्क
गौतम गंभीर का यह रुख़ सिर्फ खेल तक सीमित नहीं माना जा रहा। वे पहले भी कई बार कह चुके हैं कि
भारत-पाक मुकाबला “साधारण मैच” नहीं होता बल्कि इसमें राष्ट्रीय भावना और सुरक्षा के सवाल भी जुड़े होते हैं।
टीम इंडिया के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, गंभीर ने खिलाड़ियों से कहा,
“खेल सम्मान अपनी जगह है, लेकिन कुछ सीमाएं ज़रूरी हैं। आप अंपायरों से मिलें, खेल भावना दिखाएं, लेकिन पाकिस्तान से दूरी बनाए रखें।”
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान के कोच और खिलाड़ियों ने इस रवैये पर नाराज़गी जताई। उनका कहना है कि खेल और राजनीति को अलग रखना चाहिए। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अधिकारियों ने इसे “खेल भावना का अपमान” करार दिया है। सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी फैंस भी भारतीय खिलाड़ियों के इस व्यवहार पर भड़के हुए हैं।
भारत में मिली मिली-जुली प्रतिक्रिया
भारत में इस घटना को लेकर दो तरह की राय सामने आई है।
- समर्थन करने वाले कहते हैं कि गंभीर ने सही कदम उठाया है और पाकिस्तान से दूरी बनाना समय की मांग है।
- आलोचक मानते हैं कि खेल भावना से ऊपर जाकर इस तरह के फैसले से क्रिकेट की मर्यादा आहत होती है।
इस पूरे मामले पर क्या मिला संदेश
यह कदम आने वाले मुकाबलों पर असर डाल सकता है। एशिया कप में दोनों टीमें फिर आमने-सामने हो सकती हैं, ऐसे में एक बार फिर यह सवाल उठेगा कि क्या खिलाड़ी खेल के बाद हाथ मिलाएंगे या नहीं।
एशिया कप का यह एपिसोड साफ दिखाता है कि भारत-पाकिस्तान मुकाबला सिर्फ क्रिकेट नहीं बल्कि भावनाओं, राजनीति और राष्ट्रीय हितों का मिश्रण है। गंभीर का निर्देश खेल भावना और राष्ट्र भावना के बीच की उस खाई को उजागर करता है, जो आने वाले समय में और गहरी हो सकती है।
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