Pappu Yadav Modi Meeting : मंच पर मोदी और पप्पू यादव के ठहाकों ने गरमाई बिहार की सियासत, किसके पीठ पर पैर रखकर आगे बढ़ रहे हैं पप्पू यादव?

पूर्णिया/पटना

Pappu Yadav Modi Meeting : बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ आता दिख रहा है. जन अधिकार पार्टी (JAP) के प्रमुख पप्पू यादव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पूर्णिया हवाई अड्डे के उद्घाटन में मंच पर नज़र आए। मंच पर मोदी और पप्पू यादव के बीच ठहाकों और सहज बातचीत ने राजनीतिक गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म कर दिया है.

राजनीतिक संकेत या महज औपचारिकता?

पूर्णिया एयरपोर्ट का उद्घाटन क्षेत्रीय विकास के लिहाज से एक बड़ा कदम है। लेकिन इस मौके पर पप्पू यादव की मौजूदगी और पीएम मोदी के साथ उनकी आत्मीयता को केवल संयोग मानना मुश्किल है। बिहार की राजनीति से जुड़े जानकार इसे एक “संकेत” मान रहे हैं कि पप्पू यादव आने वाले दिनों में इंडिया गठबंधन से दूरी बना सकते हैं.

इंडिया गठबंधन में इस मुलाकात के बाद असहजता का माहौल

पप्पू यादव का इंडिया गठबंधन के भीतर सफर कभी सुचारू नहीं रहा। कई मौकों पर वे सीट बंटवारे और स्थानीय मुद्दों को लेकर कांग्रेस व राजद RJD से नाराज़गी जाहिर करते रहे हैं। ऐसे में मोदी संग उनकी मुलाकात ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या वे अब भाजपा के साथ नए राजनीतिक समीकरण की ओर बढ़ रहे हैं।

बीजेपी के लिए संभावनाएं

बिहार में भाजपा इस वक्त जमीनी स्तर पर नए चेहरों और क्षेत्रीय नेताओं को अपने साथ जोड़ने की रणनीति पर काम कर रही है। सीमांचल क्षेत्र, जहां पप्पू यादव की अच्छी पकड़ मानी जाती है, वहां बीजेपी का विस्तार अब तक चुनौतीपूर्ण रहा है। ऐसे में पप्पू यादव का समर्थन भाजपा के लिए राजनीतिक “गेमचेंजर” साबित हो सकता है.

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पप्पू यादव की चुप्पी

मुलाकात के बाद जब मीडिया ने पप्पू यादव से सवाल किया तो उन्होंने साफ कहा-

“मैं बिहार और पूर्णिया की जनता के लिए काम करता हूं। प्रधानमंत्री आए थे तो स्वागत करना और मंच साझा करना स्वाभाविक था। राजनीति से जोड़कर मत देखिए।”

हालांकि उनके ठहाके और सहज बॉडी लैंग्वेज से यह अंदाज़ लगाना मुश्किल नहीं कि इस रिश्ते में कोई नई कहानी पनप रही है.

पूर्णिया एयरपोर्ट उद्घाटन का मंच अब सिर्फ विकास का प्रतीक नहीं, बल्कि आने वाले दिनों की राजनीतिक सियासत का संकेत बन गया है। पप्पू यादव का झुकाव भाजपा की ओर होगा या वे गठबंधन में रहकर ही अपनी जगह बनाने की कोशिश करेंगे, यह अभी स्पष्ट नहीं है। लेकिन इतना तय है कि इस मुलाकात ने बिहार की राजनीति में हलचल जरूर मचा दी है.

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Godavari Dhoop or Agarbatti
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