Rajdoot Bike : नई राजदूत बाइक क्या 70 के दशक की तरह मचा पाएगी तहलका? फिर लौटेगी भारतीय सड़कों की बादशाह
राजदूत की वापसी भारतीय ऑटोमोबाइल इतिहास का एक भावुक और अहम मोड़ साबित हो सकती है। अब देखना ये होगा कि क्या यह बाइक केवल यादों तक सीमित रहेगी या फिर वाकई दोबारा 'सड़क की शान' बन पाएगी?
Rajdoot Bike : एक समय भारतीय सड़कों पर राज करने वाली राजदूत बाइक अब एक बार फिर वापसी के लिए तैयार है। सूत्रों की मानें तो एस्कॉर्ट्स ग्रुप द्वारा इस आइकॉनिक मोटरसाइकिल को नई तकनीक और क्लासिक डिजाइन के साथ फिर से लॉन्च किया जाएगा। मोटरसाइकिल प्रेमियों के लिए यह खबर किसी सरप्राइज़ से कम नहीं है।
60 साल पुरानी विरासत का नया अध्याय फिऱ होगा शुरू
राजदूत बाइक की शुरुआत 1962 में हुई थी, जब इसे यामाहा की तकनीक के आधार पर भारत में लॉन्च किया गया। इसके दमदार 175cc 2-स्ट्रोक इंजन, भारी बॉडी और टिकाऊपन ने इसे गांव से लेकर शहर तक हर वर्ग की पसंद बना दिया था।
1970 से 90 के दशक तक, यह बाइक खास तौर पर किसानों, पुलिस विभागों और दूध विक्रेताओं के बीच बेहद लोकप्रिय रही। लेकिन जैसे-जैसे 4-स्ट्रोक बाइकों का चलन बढ़ा और प्रदूषण मानकों में बदलाव हुए, राजदूत बाइक धीरे-धीरे बाजार से गायब हो गई।
नई राजदूत: पुरानी पहचान, नई तकनीक
सूत्रों के अनुसार, नई राजदूत को आधुनिक फीचर्स जैसे:
- फ्यूल-इंजेक्टेड BS6 इंजन
- LED हेडलाइट्स और DRLs
- डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर
- सिंगल/ड्यूल चैनल ABS
- Bluetooth कनेक्टिविटी
के साथ पेश किया जाएगा। साथ ही, इसका डिज़ाइन पुराने राजदूत 175 से प्रेरित होगा ताकि पुराने यूज़र्स की भावनात्मक जुड़ाव बना रहे।
क्या फिर लौटेगी बादशाहत?
मोटरसाइकिल विशेषज्ञों का मानना है कि “नई राजदूत” को बाज़ार में स्थापित करना आसान नहीं होगा। आज के प्रतिस्पर्धी ब्रांड्स जैसे Royal Enfield, Jawa, Yezdi और Honda CB350 पहले से इस सेगमेंट में जमे हुए हैं।
हालांकि, ब्रांड वैल्यू और नॉस्टेल्जिया राजदूत की सबसे बड़ी ताकत है। यदि कंपनी कीमत और परफॉर्मेंस में संतुलन बना पाती है, तो यह बाइक एक बार फिर भारतीय सड़कों पर धमाकेदार वापसी कर सकती है।
कब होगी लॉन्च?
हालांकि कंपनी की ओर से आधिकारिक तारीख की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन अनुमान है कि 2026 की शुरुआत तक नई राजदूत को भारतीय बाज़ार में उतारा जा सकता है। लॉन्च से पहले इसका टीज़र और प्री-बुकिंग डिटेल्स आने की संभावना है।
राजदूत की वापसी भारतीय ऑटोमोबाइल इतिहास का एक भावुक और अहम मोड़ साबित हो सकती है। अब देखना ये होगा कि क्या यह बाइक केवल यादों तक सीमित रहेगी या फिर वाकई दोबारा ‘सड़क की शान’ बन पाएगी?