Trump Putin Meeting : अलास्का में ट्रंप-पुतिन की ऐतिहासिक मुलाकात: शांति की नई शुरुआत या रणनीतिक चाल?
अलास्का में ट्रंप और पुतिन की यह मुलाकात केवल दो नेताओं की नहीं, बल्कि दो विचारधाराओं की बैठक है—एक ओर शक्ति और संप्रभुता की राजनीति, और दूसरी ओर शांति और वैश्विक मध्यस्थता की कोशिश। इस बैठक के परिणाम आने वाले महीनों में सामने आएंगे, लेकिन इतना तय है कि दुनिया अब और भी सतर्क निगाहों से इन दोनों नेताओं की अगली चाल देख रही है।
Trump Putin Meeting : 15 अगस्त 2025 को दुनिया की नजरें एक बार फिर अमेरिका और रूस के दो सबसे चर्चित नेताओं—डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन—की ओर थीं। दोनों नेताओं की बहुचर्चित मुलाकात अलास्का के ऐंकरज शहर में हुई, जिसे कुछ लोग ‘शांति का संकेत’ मान रहे हैं, तो कुछ इसे ‘रणनीतिक प्रदर्शन’ का नाम दे रहे हैं.
कहां हुई दोनों नेताओं की मुलाकात ?
ये बैठक अमेरिका के अलास्का में एक सैन्य छावनी “जॉइंट बेस एलमेंडॉर्फ-रिचर्डसन” में हुई, जो न केवल सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि अमेरिका और रूस के बीच भौगोलिक रूप से सबसे करीबी स्थान भी है। यही कारण है कि यह स्थान मीटिंग की दृष्टि से चुना गया.
आखिर क्यों हुई ट्रंप औऱ पुतिन की मुलाकात?
मुलाकात का मुख्य विषय यूक्रेन में चल रहे युद्ध को समाप्त करने के रास्ते तलाशना था। राष्ट्रपति ट्रंप, जो पहले भी रूस-यूक्रेन संघर्ष को “एक सप्ताह में खत्म करने” की बात कर चुके हैं, अब एक व्यावहारिक योजना के साथ पुतिन से आमने-सामने बातचीत कर रहे हैं।
पुतिन का रुख अपेक्षाकृत सख्त रहा। उन्होंने रूस की ‘क्षेत्रीय सुरक्षा और संप्रभुता’ पर जोर दिया, जबकि ट्रंप ने अमेरिका की वैश्विक भूमिका को ‘मध्यस्थ’ की तरह प्रस्तुत किया।
क्या हुआ बंद दरवाज़ों के पीछे?
बैठक का एक बड़ा हिस्सा बंद कमरों में हुआ, जहां दोनों पक्षों के चुनिंदा अधिकारी मौजूद थे। सूत्रों के अनुसार, बातचीत में तीन प्रमुख विषयों पर चर्चा हुई,
- सीज़फायर की रूपरेखा
- रूस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों की समीक्षा
- भविष्य में यूक्रेन की सुरक्षा की गारंटी
राजनीतिक समीकरण और वैश्विक प्रतिक्रिया
यह मुलाकात ऐसे समय हो रही है जब दुनिया भर में युद्ध की गरमाहट देखने को मिल रही है. ऐसे में कुछ आलोचकों का मानना है कि यह बैठक कर ट्रंप अपने टैरिफ टैरर को बरकरार रखना चाहते हैं। वहीं, कुछ विश्लेषकों का मानना है कि ये वाकई में युद्ध समाप्त करने की दिशा में एक गंभीर प्रयास है।
यूरोपीय देशों और यूक्रेन ने इस बैठक में खुद को न शामिल किए जाने पर चिंता जताई है। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने दो टूक कहा कि “यूक्रेन के बिना कोई भी समझौता अमान्य होगा।”
क्या यह मुलाकात सार्थक रही?
हालांकि अभी तक कोई ठोस समझौता सामने नहीं आया है, परंतु यह स्पष्ट है कि दोनों नेताओं के बीच सीधा संवाद शुरू हो चुका है। आने वाले हफ्तों में यदि दोनों पक्ष फिर से मिलते हैं या संयुक्त बयान जारी होता है, तो इसे एक सकारात्मक शुरुआत माना जाएगा।
क्या इस मीटिंग से कोई निस्कर्ष निकलेगा.
अलास्का में ट्रंप और पुतिन की यह मुलाकात केवल दो नेताओं की नहीं, बल्कि दो विचारधाराओं की बैठक है—एक ओर शक्ति और संप्रभुता की राजनीति, और दूसरी ओर शांति और वैश्विक मध्यस्थता की कोशिश। इस बैठक के परिणाम आने वाले महीनों में सामने आएंगे, लेकिन इतना तय है कि दुनिया अब और भी सतर्क निगाहों से इन दोनों नेताओं की अगली चाल देख रही है।
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