Bihar Elections: बिहार चुनाव में क्यों छाईं मिंटा देवी, जिनकी टी-शर्ट पहनकर सड़क पर उतरीं प्रियंका गांधी

Bihar Elections: बिहार चुनावी माहौल में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी एक टी-शर्ट को लेकर सुर्खियों में हैं, जिस पर मिंटा देवी की तस्वीर छपी है। जानिए कौन हैं मिंटा देवी और क्यों वे अचानक चर्चा में आ गईं। —Journalist India पर पढ़ें पूरी खबर

Bihar elections: बिहार चुनाव से पहले राजनीति का पारा चढ़ चुका है। मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोपों के बीच एक नाम सुर्खियों में है — मिंटा देवी। विपक्ष का दावा है कि मिंटा देवी की उम्र चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में 124 साल दर्ज है, जबकि वे पहली बार वोट डालने की पात्र हैं। इस मुद्दे को लेकर प्रियंका गांधी समेत कई विपक्षी सांसदों ने अनोखा विरोध प्रदर्शन किया।

कौन हैं मिंटा देवी?

मिंटा देवी बिहार की एक ग्रामीण महिला हैं, जिनका नाम और उम्र हाल ही में मतदाता सूची में चर्चा का विषय बन गई। दावा है कि चुनाव आयोग के डेटा में उनकी उम्र 124 साल बताई गई है। विपक्ष का कहना है कि यह मतदाता सूची की गंभीर खामियों का उदाहरण है और “वोट चोरी” की आशंका को जन्म देता है।

Congress Protest Minta Devi
Bihar elections: Congress Protest Minta Devi

प्रियंका गांधी का टी-शर्ट वाला विरोध

संसद भवन के बाहर विपक्षी दलों के नेताओं ने मिंटा देवी की तस्वीर वाली टी-शर्ट पहनकर विरोध किया। इस प्रदर्शन में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और अन्य सांसद शामिल थे। इन टी-शर्ट्स पर मिंटा देवी की फोटो और उनका नाम छपा था, जो मतदाता सूची में दर्ज उम्र पर सवाल उठाने का प्रतीक था।

प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया,

“जब मतदाता सूची ही सही नहीं होगी तो लोकतंत्र कैसे बचेगा? चुनाव आयोग को जवाब देना होगा।”

Priyanka Gandhi wearing Minta Devi T shirt
Priyanka Gandhi wearing Minta Devi T shirt

 

 

 

 

राजनीतिक तकरार तेज

कांग्रेस और INDIA गठबंधन के नेताओं का कहना है कि मतदाता सूची में इस तरह की गड़बड़ियां चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाती हैं। वहीं बीजेपी का आरोप है कि विपक्ष बिना सबूत के अफवाह फैला रहा है और चुनाव आयोग पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है।

 

 

इससे पहले, विपक्षी दलों के सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और कथित ‘वोट चोरी’ के विरोध में सोमवार को संसद भवन परिसर से मार्च निकाला। लेकिन संसद मार्ग पर ही पुलिस ने उन्हें रोक लिया और बाद में हिरासत में ले लिया। विपक्षी नेताओं का कहना था कि वे मतदाता सूची की शुद्धता के लिए एकजुट हैं और देश को एक पारदर्शी सूची चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा हालात में चुनाव आयोग अपनी निष्पक्ष भूमिका निभाने में विफल हो रहा है।

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