फ्रांस्वा बायरू बने France के नए प्रधानमंत्री, जानिए उनके 30 साल के सियासी अनुभव की झलक
France : राष्ट्रपति मैक्रों के कार्यालय ने बताया कि बायरू को नई सरकार बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। हालांकि, उनके लिए यह काम आसान नहीं होगा क्योंकि नेशनल असेंबली में....
France : फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अनुभवी राजनेता फ्रांस्वा बायरू को देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया है। यह निर्णय तब लिया गया जब पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री माइकल बार्नियर और उनकी कैबिनेट को ऐतिहासिक अविश्वास प्रस्ताव के चलते इस्तीफा देना पड़ा। बायरू, जो 73 वर्ष के हैं, फ्रांस की राजनीति में दशकों से एक अहम भूमिका निभाते आए हैं।
बायरू के सामने चुनौतियां
राष्ट्रपति मैक्रों के कार्यालय ने बताया कि बायरू को नई सरकार बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। हालांकि, उनके लिए यह काम आसान नहीं होगा क्योंकि नेशनल असेंबली में मैक्रों के मध्यमार्गी गठबंधन को बहुमत हासिल नहीं है। बायरू को सरकार के लिए मंत्रियों का चयन करते समय दक्षिणपंथी और वामपंथी सांसदों के साथ तालमेल बैठाना होगा। साथ ही, उन्हें कुछ रूढ़िवादी सांसदों को भी अपने साथ लाने की कोशिश करनी होगी।
बायरू का सियासी सफर और अनुभव
फ्रांस्वा बायरू मध्यमार्गी डेमोक्रेटिक मूवमेंट (मोडेम) पार्टी के नेता हैं, जिसकी स्थापना उन्होंने 2007 में की थी। बायरू तीन बार (2002, 2007, और 2012) राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ चुके हैं और 1993 से 1997 तक फ्रांस के शिक्षा मंत्री रह चुके हैं। उनका सियासी अनुभव और कूटनीतिक कौशल उन्हें मैक्रों के गठबंधन में महत्वपूर्ण साझेदार बनाता है।
आरोपों से बरी हुए बायरू
हाल ही में बायरू यूरोपीय संसद के धन के गबन के एक मामले में बरी हुए थे। इस फैसले के बाद उनकी छवि को मजबूती मिली है। बायरू 2017 में राष्ट्रपति मैक्रों के चुनाव अभियान में भी एक प्रमुख समर्थक थे, जिससे उनकी सियासी अहमियत और बढ़ गई।
मैक्रों की स्थिरता बहाल करने की कोशिशें
मैक्रों ने हाल ही में 2027 तक अपने कार्यकाल को पूरा करने का संकल्प जताया था। बायरू को प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त करना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। हालांकि, नई सरकार की स्थिरता वामपंथी और दक्षिणपंथी दोनों खेमों के उदारवादी सांसदों के समर्थन पर निर्भर करेगी।
बायरू की नियुक्ति को फ्रांस में राजनीतिक स्थिरता की बहाली के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। अब यह देखना होगा कि वह कैसे इस चुनौतीपूर्ण भूमिका में संतुलन बनाए रखते हैं।