महंगे टिकट, लंबी लाइनें और महंगी चाय-पानी… Raghav Chaddha ने उजागर की हवाई यात्रियों की मुश्किलें

राघव चड्ढा ने बढ़ते हवाई किरायों को लेकर चिंता व्यक्त की और इसके लिए उचित नियमन की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि विदेशी गंतव्यों की तुलना में देश के अंदर कई स्थानों पर हवाई किराये ज्यादा हैं।

Raghav Chaddha : आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने भारतीय वायुयान विधेयक 2024 पर चर्चा के दौरान आम हवाई यात्रियों की समस्याओं को उजागर किया। उन्होंने सरकार की “उड़ान” योजना पर सवाल उठाते हुए कहा कि सस्ती हवाई यात्रा का जो वादा किया गया था, वह अब कहीं दिखता नहीं। उन्होंने कहा, “हवाई चप्पल पहनने वालों को हवाई यात्रा का वादा था, लेकिन अब तो अच्छी चप्पल पहनने वाले भी टिकट नहीं खरीद पा रहे।”

महंगे हवाई किरायों और सुविधाओं पर उठाए सवाल

राघव चड्ढा ने बढ़ते हवाई किरायों को लेकर चिंता व्यक्त की और इसके लिए उचित नियमन की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि विदेशी गंतव्यों की तुलना में देश के अंदर कई स्थानों पर हवाई किराये ज्यादा हैं। उन्होंने लक्षद्वीप के मुकाबले मालदीव के सस्ते किरायों का हवाला देते हुए इसे आम जनता के साथ अन्याय बताया। उनका कहना था कि हवाई यात्रा को लक्ज़री के बजाय आम जनता के लिए सुलभ बनाना चाहिए।

एयरपोर्ट पर महंगी चाय-पानी की समस्या

चड्ढा ने एयरपोर्ट पर महंगे खाने-पीने की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट पर एक कप चाय के लिए 200-250 रुपये और पानी की बोतल के लिए 100 रुपये खर्च करने पड़ते हैं, जो आम आदमी की पहुंच से बाहर है।

लंबी लाइनों और असुविधाओं का मुद्दा

उन्होंने एयरपोर्ट की अव्यवस्थाओं का जिक्र करते हुए कहा कि लंबी लाइनों और देरी के कारण यात्रियों की फ्लाइट छूट जाती है। उन्होंने छोटे शहरों में लगातार फ्लाइट लेट होने और यात्रियों को होने वाली असुविधाओं पर भी नाराजगी जाहिर की।

पर्यटन पर पड़ रहा असर

राघव चड्ढा ने देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर एयरपोर्ट की कमी को पर्यटन में बाधा बताया। उन्होंने सरकार से हवाई कनेक्टिविटी बेहतर करने का आग्रह किया ताकि पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिल सके। सांसद ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री से इन मुद्दों को गंभीरता से लेने और समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाने की अपील की।

Leave A Reply

Your email address will not be published.