उत्तरकाशी मस्जिद विवाद में नया मोड़, 8 आरोपियों पर गंभीर धाराओं में मामला दर्ज

Uttarkashi masjid dispute : उत्तरकाशी में मस्जिद विवाद पर एक बड़ा अपडेट सामने आया है, बताया जा रहा है, कि उत्तरकाशी पुलिस ने इस घटना में 8 नामजद और 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।

Uttarkashi Masjid Dispute : उत्तरकाशी में मस्जिद विवाद के चलते हिंदू संगठनों द्वारा आयोजित रैली में हुई झड़प और पथराव के मामले में पुलिस ने सख्त कार्रवाई की है। उत्तरकाशी पुलिस ने इस घटना में 8 नामजद और 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।

बताया जा रहा है, कि जिन व्यक्तियों के नाम सामने आए  हैं उनमें जितेंद्र चौहान, सोनू नेगी, सूरज डबराल, कुलबीर राणा, सुशील शर्मा, गौतम रावत, आलोक रावत, और सतेंद्र परमार शामिल हैं। इन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 109 के तहत जानलेवा हमला करने और धारा 121 (2) के तहत सरकारी कर्मचारी को नुकसान पहुंचाने के आरोप लगे हैं। इसके अलावा उपद्रवियों पर कुल 14 धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

शनिवार सुबह हुआ फ्लैग मार्च

इलाके में बढ़ते तनाव के मद्देनजर प्रशासन ने निषेधाज्ञा लागू कर दी है। जिलाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट ने क्षेत्र में भारतीय दंड संहिता की धारा 163 के तहत पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने, धरना प्रदर्शन और जुलूस पर रोक लगा दिया है। शनिवार को स्थिति शांतिपूर्ण रही और पुलिस ने इलाके में शुक्रवार शाम और शनिवार सुबह फ्लैग मार्च भी किया।

अमित श्रीवास्तव ने क्या कहा

पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव ने बताया कि संयुक्त सनातन धर्म रक्षक संघ की रैली को सशर्त अनुमति दी गई थी, लेकिन प्रदर्शनकारी एक अलग मार्ग पर जाने के लिए अड़ गए और पुलिस अवरोधक हटाने का प्रयास करने लगे। इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने पथराव शुरू कर दिया, जिसके बाद पुलिस को हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को तितर-बितर करना पड़ा। झड़प में आठ पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हुए, जिनमें निरीक्षक आशुतोष सिंह और हवलदार अनिल कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए।

20 प्रदर्शनकारियों को अस्पताल में कराया भर्ती 

उत्तरकाशी जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. प्रेम पोखरियाल के अनुसार, रैली के दौरान 20 प्रदर्शनकारियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनमें से अधिकांश को शाम को छुट्टी दे दी गई।

Leave A Reply

Your email address will not be published.