एक दिन में 1500 करोड़ का चेक…पीयूष गोयल ने शेयर की Ratan Tata की अनसुनी कहानी
Piyush Goyal : केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने रतन टाटा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. पीयूष गोयल ने सोशल मीडिया पर रतन टाटा से जुड़ी कुछ अनसुनी कहानियों को साझा किया, जिनके बारे में बात करते हुए वे बेहद भावुक हो गए।
Piyush Goyal : बुधवार यानी 9 October को देश ने एक अनमोल ‘रतन’ खो दिया. RATAN TATA जिन्होंने टाटा को एक वैश्विक ब्रांड बनाया, वह अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके योगदान को पूरा देश हमेशा याद करेगा. ऐसे में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने रतन टाटा से जुड़ी कुछ अनसुनी कहानियों को सोशल मीडिया पर शेयर किया है, जो लोगों के दिलों को छू गई. इन कहानियों को शेयर करते हुए पीयूष गोयल काफी भावुक हो गए और रतन टाटा के योगदान को याद करने लगे.
भारत के प्रतिष्ठित उद्योगपति रतन टाटा का 86 वर्ष की आयु में 9 अक्टूबर 2024 को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। वह लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित थे, जिसके कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके निधन की खबर ने दुनियाभर में शोक की लहर फैला दी है.
#WATCH | Union Minister Piyush Goyal pays last tributes to Ratan Tata in Mumbai. pic.twitter.com/O1Ju6FY15N
— ANI (@ANI) October 10, 2024
पीयूष गोयल ने किया याद
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर उनको याद करते हुए कहा कि रतन टाटा बहुत संवेदनशील व्यक्ति थे। उन्होंने टाटा समूह को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया और भारत को भी गौरव दिलाया। उनका व्यक्तित्व परोपकारी था। वह हर अच्छे काम के लिए हमेशा तैयार रहते थे।
पीयूष गोयल ने बताया कि जब देश कोविड महामारी से जूझ रहा था, तब रतन टाटा ने बिना किसी हिचकिचाहट और बिना किसी शर्त के 1500 करोड़ रुपये दान करने का संकल्प लिया… इससे हमें कोविड के खिलाफ लड़ने में मदद मिली। मेरा मानना है कि वह एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने न केवल व्यापार को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, बल्कि टाटा समूह को इस बात का जीवंत उदाहरण बनाया कि कैसे एक उद्योग ईमानदार व्यवस्थाओं के साथ बड़ा बन सकता है और अंतरराष्ट्रीय मंच पर जा सकता है।”
28 दिसंबर, 1937 को मुंबई में जन्मे रतन टाटा भारत में निजी क्षेत्र द्वारा प्रवर्तित दो सबसे बड़े परोपकारी ट्रस्टों में से एक रतन टाटा ट्रस्ट और दोराबजी टाटा ट्रस्ट के अध्यक्ष थे।वे 1991 से 2012 में अपनी सेवानिवृत्ति तक टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के अध्यक्ष थे। उसके बाद उन्हें टाटा संस का मानद अध्यक्ष नियुक्त किया गया।उन्हें 2008 में देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।