One Nation one election को मोदी सरकार ने कैबिनेट में दी हरी झंडी, संसद में पेश होगा प्रस्ताव

एक देश, एक चुनाव" के तहत लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ आयोजित किए जाएंगे। कोविंद समिति ने सुझाव दिया है कि पहले चरण में लोकसभा और राज्यसभा...

One Nation one election : केंद्रीय कैबिनेट ने “एक देश, एक चुनाव” प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, और सूत्रों के मुताबिक यह बिल मौजूदा शीतकालीन सत्र में संसद में पेश किया जा सकता है। इस बिल को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों से सुझाव लिए जाएंगे, और बाद में इसे संसद से पारित किया जाएगा। इससे पहले, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति ने इस मुद्दे पर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। कानून मंत्री ने इस प्रस्ताव को कैबिनेट में रखा था, और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे विस्तार से समझाया था।

“एक देश, एक चुनाव” के तहत लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ आयोजित किए जाएंगे। कोविंद समिति ने सुझाव दिया है कि पहले चरण में लोकसभा और राज्यसभा चुनावों को एक साथ किया जाए, और फिर लोकसभा और राज्यसभा चुनावों के बाद 100 दिन के अंदर स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाएं।

पांच साल तक लगातार राजनीति का माहौल

“One Nation one election” का विचार प्रधानमंत्री मोदी लंबे समय से प्रचारित करते रहे हैं, उनका मानना है कि चुनावों की प्रक्रिया को तीन या चार महीनों तक सीमित किया जाना चाहिए, ताकि पांच साल तक लगातार राजनीति का माहौल न बने। इससे चुनावों में खर्च कम होगा और प्रशासनिक दबाव भी कम होगा।

भारत में एक साथ चुनाव का यह विचार नया नहीं है, क्योंकि 1952 से 1967 तक लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ होते थे। हालांकि, राज्यों के पुनर्गठन और अन्य कारणों से यह प्रक्रिया अलग-अलग हो गई।

मोदी सरकार का मानना है कि “एक देश, एक चुनाव” से जनता को बार-बार के चुनावों से राहत मिलेगी, चुनावों पर होने वाले खर्च में कमी आएगी, राजनीतिक स्थिरता बढ़ेगी, और सरकारें विकास कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगी। इसके अलावा, प्रशासनिक कार्यों में भी सुधार होगा और सरकारी खजाने पर दबाव कम होगा, जिससे आर्थिक विकास को गति मिलेगी।

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