यांगून: भारत के पड़ोसी मुल्क म्यांमार में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार का तख्तापलट कर सैन्य शासन के विरोध में लोग सड़कों पर उतर चुके हैं. ऐसे में सेना ने किसी भी प्रकार के विरोध प्रदर्शन में शामिल होने पर 20 साल की सज़ा का ऐलान किया है. साथ ही आम जनता के विरोध को दबाने के लिए सेना ने सड़क पर टैंक उतार दिए हैं. ऐसे में यूनाइटेड नेशन ने म्यांमार को लेकर बड़ी आशंका जताई है.
बतादें कि म्यांमार में इस समय हालात बिगड़ने शुरू हो गये हैं. म्यांमार में सेना ने प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करनी शुरू कर दी है. जिसमें लोग हताहत हुए हैं. जिसको देखते हुए भारत सहित बांग्लादेश में बड़ी संख्या में लोगों का पलायन शुरू होने की संभावना बढ़ गयी है. पिछले ही समय म्यांमार ने मिजोरम में कई परिवार भाग कर आये हैं. म्यांमार में सेना द्वार तख्तापलट किये जाने के बाद सेना हर उस आवाज को कुचल रही है. जोकि उसके खिलाफ उठ रही है. जिससे देश में हालात बिगड़ने लगे हैं.
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संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में मानवाधिकार मामलों के एक विशेषज्ञ ने म्यांमार (Myanmar) में बड़े प्रदर्शनों के बीच बड़ी हिंसा की आशंका को लेकर आगाह किया है. जिनेवा में एंड्रुयू के कार्यालय की ओर से जारी बयान में उन्होंने कहा, ‘पहले भी, ऐसी सैन्य कार्रवाईयों में बड़े स्तर पर लोगों की जान गई हैं, लोग गायब हुए हैं या उन्हें हिरासत में लिया गया है.’ दरअसल यांगून और म्यांमार के कई शहरों में प्रदर्शनकारी देश की निर्वाचित नेता आंग सान सू ची एवं उनकी अपदस्थ सरकार के सदस्यों की हिरासत और तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
पिछले एक फरवरी को म्यांमार की सेना आने लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार का तख्तापलट कर सैन्य शासन को स्थापित कर दिया था. उसके बाद से म्यांमार में बड़े पैमाने पर विरोध हो रहा है और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से इस मामले में दखल देने की मांग उठ रही है.
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