नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद इस समय काफी चर्चा में हैं. चर्चा का मुख्य कारण राज्यसभा में फेयरवेल स्पीच के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा तारीफ करते हुए भावुक हो जाते हैं. उसके बाद गुलाम नबी आजाद भी उस पल को याद कर सदन में इमोशनल होते हैं. दोनों नेताओं के बीच दशकों से बेहतर संबंध रहे हैं. ऐसे में गुलाम नबी आजाद के राज्यसभा से रिटायर होने के बाद कहा जा रहा है कि क्या आजाद बीजेपी जॉइन करने वाले हैं?
इस अटकलों और अफवाहों को लेकर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने एक अख़बार को दिए इंटरव्यू में साफ़ साफ़ जवाब दिया है. हिंदुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में आजाद ने कहा कि वे उस दिन बीजेपी जॉइन कर लेंगे जब कश्मीर में काली बर्फ गिरेगी.
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अख़बार ने गुलाम नबी आजाद से तमाम सवाल किये. जिसमें राज्यसभा से रिटायर होने के बाद और सदन में पीएम नरेंद्र मोदी और उनके बेहतर संबंधों का जिक्र होने पर दोनों नेताओं का इमोशनल हो जाने पर बात हुई. जहाँ आजाद ने बेबाकी से अपनी बात रखते हुए बीजेपी जॉइन करने की अटकलों पर कहा, ‘बीजेपी ही क्यों… कश्मीर में जब काली बर्फ गिरेगी तो किसी और पार्टी को भी जॉइन कर लूंगा. जो लोग ऐसा कहते हैं या ऐसी अफवाहें फैलाते हैं, वे मुझे नहीं जानते’.
आजाद ने वाक्या का जिक्र करते हुए कहा कि, ‘जब राजमाता सिंधिया (विजया राजे सिंधिया) विपक्ष की उप-नेता थीं, तो उन्होंने खड़े होकर मुझपर कुछ आरोप लगाए थे. मैं उठा और मैंने कहा कि मैं आरोप को बड़ी गंभीरता से लेता हूं और सरकार की ओर से (अटल बिहारी) वाजपेयी की अध्यक्षता में एक समिति बनाने का सुझाव देना चाहूंगा जिसमें वे (सिंधिया) और (लाल कृष्ण) आडवाणी सदस्य होंगे.
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मैंने कहा कि वे अपनी रिपोर्ट 15 दिन में देंगे और जैसी भी सजा तय करेंगे, मैं मान लूंगा. जैसे ही मैंने वाजपेयी जी का नाम लिया, वो आए और पूछा क्यों. जब मैंने उन्हें बताया तो उन्होंने खड़े होकर कहा- मैं सदन से क्षमा मांगता हूं और गुलाम नबी आजाद से भी. शायद राजमाता सिंधिया उन्हें नहीं जानतीं, लेकिन मैं जानता हूं’. वहीँ आगे फेयरवेल स्पीच के दौरान इमोशनल होने को लेकर आजाद ने कहा, “वजह ये थी कि 2006 में एक गुजराती टूरिस्ट बस पर (कश्मीर में) हमला हुआ था और मैं उनसे बात करते-करते रो पड़ा था.
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पीएम कह रहे थे कि ये (आजाद) ऐसे व्यक्ति हैं जो रिटायर हो रहे हैं और भले इंसान हैं. वह पूरी बात नहीं बता सके क्योंकि रो दिए थे, और जब मैं कहानी पूरी करना चाहता था तो मैं भी नहीं कर पाया क्योंकि मुझे लगा कि मैं 14 साल पहले के उसी पल में पहुंच गया था जब वो हमला हुआ था’. आपको जानकारी के लिए बतादें कि गुलाम नबी आजाद का राज्यसभा से कार्यकाल ख़त्म हो गया है.
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अब वह कांग्रेस के एक सक्रिय नेता के रूप में हैं. वह सदन में कांग्रेस की पार्टी की ओर से आम जनता की आवाज को पूरी ताकत से उठाते थे. वहीँ अब देखना होगा कि कांग्रेस उन्हें क्या नई जिम्मेदारी देती है.