Weather Update : उत्तर भारत में नवंबर के दूसरे सप्ताह में अचानक छाई धुंध ने आम लोगों को हैरान कर दिया है. लोग सोच में है कि यह धुंध (कोहरा) है या प्रदूषण का धुआं (स्मॉग)। हर साल इस समय के आसपास दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत के कई हिस्सों में सर्दियों की शुरुआत के संकेत मिलने लगते हैं, लेकिन इस साल धुंध का कारण प्रदूषण के बढ़ते स्तरों को भी बताया जा रहा है।
धुंध के कारण और मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग के अनुसार, धुंध में प्रदूषक तत्वों की अधिकता के कारण दृश्यता में कमी आई है, जो स्मॉग का परिणाम है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों में प्रदूषण का स्तर सामान्य से अधिक हो गया है, जो वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) पर “खराब” से “गंभीर” तक पहुंच रहा है। इस धुंध का मुख्य कारण पराली जलाने, वाहनों से निकलने वाले धुएं और उद्योगों से उत्सर्जित हानिकारक गैसों का मिश्रण है।
ठंड की शुरुआत के संकेत
मौसम विभाग का मानना है कि ठंड धीरे-धीरे दस्तक दे रही है, लेकिन वर्तमान में बढ़ती ठंड के बजाय प्रदूषण अधिक चिंता का कारण बन गया है। प्रदूषण के कण ठंडी हवा के साथ मिलकर एक गाढ़ा कोहरा जैसा आवरण बना रहे हैं, जिससे सर्दियों के मौसम का आभास होता है, लेकिन इसकी प्रकृति और प्रभाव अलग है। हवा की गति कम होने के कारण प्रदूषण के कण वातावरण में ही बने रहते हैं, जिससे यह स्मॉग दिन में भी बना रहता है।
स्मॉग के कारण सांस की समस्याएं
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि स्मॉग के कारण सांस की समस्याएं बढ़ सकती हैं, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा रोगियों के लिए। इसलिए बाहर निकलते समय मास्क का उपयोग और घरों में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। वहीं, दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण के लिए कुछ निर्माण कार्यों पर अस्थायी प्रतिबंध लगाया गया है।
मौसम विभाग की आगे की भविष्यवाणी
मौसम विभाग का कहना है कि अगले कुछ दिनों में हवा की गति में परिवर्तन के साथ वायु गुणवत्ता में थोड़ा सुधार हो सकता है। हालांकि, ठंड के बढ़ने से कोहरे की संभावना बढ़ेगी, और सर्दियों में नियमित रूप से स्मॉग की समस्या बनी रह सकती है।
उत्तर भारत के लोगों को सलाह दी गई है कि वे सुबह और शाम के समय, जब स्मॉग का प्रभाव अधिक होता है, तब घर से बाहर निकलने से बचें।