Supreme Court का फैसला… अतुल सुभाष के बेटे की कस्टडी दादी को नहीं, जानिए किसके पास रहेगा बच्चा

Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट ने बेंगलुरू के अतुल सुभाष की मां को उसके नाबालिग पोते की कस्टडी देने से मना कर दिया। कोर्ट ने कहा कि...

Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट ने बेंगलुरू के अतुल सुभाष की मां को उसके नाबालिग पोते की कस्टडी देने से मना कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि वह बच्चे के लिए अजनबी हैं। न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने यह भी बताया कि बच्चे की कस्टडी का मुद्दा संबंधित अदालत में उठाया जा सकता है। कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए कहा कि बच्चे की मां जीवित हैं, जबकि उसकी दादी यानी सुभाष की मां बच्चे के लिए अजनबी हैं। पीठ ने कहा कि दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि बच्चा याचिकाकर्ता के लिए अजनबी है। अगर वह चाहें तो बच्चे से मिल सकते हैं, लेकिन कस्टडी के लिए अलग प्रक्रिया अपनानी होगी।

अतुल सुभाष की मां अंजू देवी ने अपने पोते की कस्टडी के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने दावा किया कि बच्चे का पता नहीं चल पा रहा है, क्योंकि अतुल की पत्नी और उसके परिवार ने बच्चे की स्थिति के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।

सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया के वकील ने बताया कि बच्चा फिलहाल हरियाणा के एक बोर्डिंग स्कूल में पढ़ रहा है। वकील ने कहा कि वे बच्चे को बेंगलुरु लाकर मां को जमानत की शर्तों के तहत वहीं रहने का निर्देश देंगे।

अंजू देवी के वकील कुमार दुष्यंत सिंह ने कस्टडी की मांग की और आरोप लगाया कि उनकी बहू ने बच्चे का स्थान गुप्त रखा है। उन्होंने यह भी कहा कि छह साल से छोटे बच्चे को बोर्डिंग स्कूल में भेजना गलत है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 20 जनवरी को तय करते हुए बच्चे को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया और कहा कि यह मामला मीडिया ट्रायल के आधार पर नहीं सुलझ सकता।

बता दें कि अतुल सुभाष ने 9 दिसंबर को बेंगलुरु स्थित अपने घर में आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने अपनी पत्नी और उसके परिवार के खिलाफ उत्पीड़न और जबरन वसूली के आरोप लगाते हुए 24 पन्नों का सुसाइड नोट और 90 मिनट का वीडियो शूट किया था।

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