Asaduddin Owaisi : संसद में ‘जय फिलिस्तीन’ का नारा लगाना असदुद्दीन ओवैसी को महंगा पड़ गया है। इस मामले को लेकर देशभर में विवाद छिड़ गया था। अब बरेली जिला अदालत ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी को नोटिस जारी कर 7 जनवरी को अदालत में पेश होने का आदेश दिया है। यह जानकारी अधिवक्ता वीरेंद्र गुप्ता ने दी, जिन्होंने इस मामले में याचिका दायर की थी।
कोर्ट का नोटिस और सुनवाई
अधिवक्ता वीरेंद्र गुप्ता ने बताया कि उन्होंने संसद में ‘जय फिलिस्तीन’ नारे को लेकर ओवैसी पर संवैधानिक और कानूनी मान्यताओं का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए एमपी-एमएलए कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हालांकि, एमपी-एमएलए कोर्ट ने 12 जुलाई 2024 को याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद गुप्ता ने जिला न्यायाधीश की अदालत में पुनरीक्षण याचिका दायर की। जिला न्यायालय ने इस याचिका को स्वीकार करते हुए ओवैसी को 7 जनवरी को पेश होने के लिए नोटिस जारी किया है।
अधिवक्ता ने जताई आपत्ति
अधिवक्ता वीरेंद्र गुप्ता ने कहा कि ओवैसी का ‘जय फिलिस्तीन’ नारा भारत के संविधान और उसके मूल्यों के खिलाफ है। उन्होंने इसे संविधान का अपमान बताया और कहा कि इस बयान से वह आहत हुए हैं। इस मामले को लेकर उन्होंने कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
शपथ के दौरान विवादित नारा
यह मामला 25 जून 2024 का है, जब 18वीं लोकसभा चुनावों के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने हैदराबाद से सांसद के रूप में शपथ ली थी। शपथ के बाद उन्होंने ‘जय भीम, जय मीम, जय तेलंगाना, जय फिलिस्तीन’ का नारा लगाया था। इस नारे पर संसद और देशभर में काफी हंगामा हुआ था।
ओवैसी की सफाई
विवाद बढ़ने के बाद ओवैसी ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा था, “मैंने जो नारे लगाए, वे संविधान के खिलाफ नहीं हैं। यदि ऐसा है, तो कोई मुझे संविधान का ऐसा प्रावधान दिखाए जो इसे प्रतिबंधित करता हो।” हालांकि, यह मामला अब भी कानूनी और राजनीतिक चर्चाओं में बना हुआ है।