Lucknow : लखनऊ के हजरतगंज इलाके में क्रिसमस के अवसर पर इस्कॉन मंदिर की कीर्तन मंडली ने ढोल-नगाड़ों के साथ “हरे रामा-हरे कृष्णा” के जयकारे लगाकर उत्सव मनाया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग भक्ति में झूमते नजर आए। हालांकि, इस घटना ने राजनीतिक बहस को जन्म दे दिया है।
इस्कॉन मंडली के गीतों पर घमासान
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने इसे लखनऊ की गरिमा के खिलाफ बताया है। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अमीक जमेई ने कहा कि जब ईसाई समुदाय ईसा मसीह को याद कर रहा था, उस वक्त वहां जाकर भीड़ इकट्ठा करना और माहौल खराब करना निंदनीय है। उन्होंने इस घटना को बीजेपी और सरकार की साजिश करार देते हुए इसे धार्मिक तनाव पैदा करने का प्रयास बताया।
जमेई ने कहा, “पहले मस्जिदों में मंदिर ढूंढने की कोशिश हो रही थी, और अब चर्च तक पहुंच गए हैं। क्या अब अन्य धर्मों के त्योहारों में भी हस्तक्षेप करेंगे? यह लखनऊ की सांस्कृतिक पहचान और हमारी सनातन परंपरा को शर्मिंदा करने जैसा है।”
दूसरी ओर, यूपी सरकार के मंत्री ओपी राजभर ने इस घटना का बचाव किया। उन्होंने कहा कि इस्कॉन मंडली की मंशा किसी को आहत करने की नहीं थी। संविधान का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि हर नागरिक को अपने धर्म के अनुसार पूजा और उत्सव मनाने का अधिकार है। साथ ही, उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके पास जनता से जुड़े वास्तविक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए कुछ नहीं है।
यह घटना अब धार्मिक और राजनीतिक बहस का केंद्र बन गई है, जहां विभिन्न दल अपनी-अपनी विचारधाराओं के तहत बयानबाजी कर रहे हैं।