Atala Mosque : उत्तर प्रदेश के जौनपुर स्थित ऐतिहासिक अटाला मस्जिद से जुड़े विवाद ने एक नया मोड़ ले लिया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने इस मामले की सुनवाई के लिए 9 दिसंबर 2024 की तारीख तय की है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब स्वराज वाहिनी एसोसिएशन ने दावा किया कि अटाला मस्जिद के स्थान पर पहले एक मंदिर था और वहां पूजा-अर्चना का अधिकार मांगा।
स्वराज वाहिनी एसोसिएशन ने जौनपुर की स्थानीय अदालत में याचिका दायर कर मस्जिद परिसर में पूजा का अधिकार दिए जाने की मांग की है। उनका दावा है कि अटाला मस्जिद जिस स्थान पर स्थित है, वहां पहले एक मंदिर था। इस दावे के आधार पर स्थानीय अदालत ने मुकदमे का पंजीकरण करने का निर्देश दिया।
वक्फ प्रशासन की आपत्ति
वक्फ अटाला मस्जिद प्रशासन ने स्वराज वाहिनी एसोसिएशन की याचिका के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। वक्फ प्रशासन का कहना है कि एसोसिएशन की याचिका में कई कानूनी खामियां हैं।
ऐतिहासिक और कानूनी पक्ष
वक्फ प्रशासन ने अदालत में यह तर्क दिया है कि अटाला मस्जिद का निर्माण वर्ष 1398 में हुआ था और तब से इसका उपयोग मस्जिद के रूप में किया जा रहा है। यहां मुस्लिम समुदाय नियमित रूप से नमाज अदा करता है। उन्होंने यह भी कहा कि वक्फ बोर्ड को इस मामले में पक्षकार नहीं बनाया गया, जो कानूनी प्रक्रिया की एक बड़ी चूक है।
अगली सुनवाई का इंतजार
इलाहाबाद हाई कोर्ट अब यह निर्णय करेगा कि जौनपुर की अदालत इस मामले की सुनवाई कर सकती है या नहीं। इस पर अंतिम फैसला 9 दिसंबर 2024 को होने वाली सुनवाई में लिया जाएगा।