Uttarakhand Tourism: उत्तराखंड अब केवल तीर्थाटन का केंद्र नहीं रह गया है। प्रकृति, रोमांच और सांस्कृतिक विविधता के चलते यह राज्य अब वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर उभर चुका है। राज्य के गठन के 25 वर्षों में पर्यटन उद्योग ने अभूतपूर्व विकास किया है और बीते तीन वर्षों में 23 करोड़ से अधिक पर्यटक यहां पहुंचे हैं।
राज्य स्थापना के समय पर्यटन मसूरी, नैनीताल और चारधाम यात्रा तक सीमित था। सीमित सड़क और बुनियादी ढांचे के कारण तीर्थाटन कठिन था। लेकिन अब ऑल वेदर रोड, हेली सेवाएं और आधुनिक सुविधाओं से यात्रा सुगम हो गई है।
Highlights / Key Points:
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उत्तराखंड अब केवल तीर्थाटन तक सीमित नहीं, बल्कि रोमांच, प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विविधता के लिए ग्लोबल टूरिज्म हब बन गया।
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बीते तीन वर्षों में राज्य में 23 करोड़ से अधिक पर्यटक पहुंचे, जिससे पर्यटन उद्योग और अर्थव्यवस्था को नई गति मिली।
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ऑल वेदर रोड, हेली सेवाएँ और आधुनिक सुविधाओं ने चारधाम यात्रा और अन्य पर्यटन स्थलों को सुगम बनाया।
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साहसिक पर्यटन में वृद्धि: राफ्टिंग, ट्रैकिंग, बंजी जंपिंग, योग और वर्क फ्रॉम हिल्स जैसी गतिविधियाँ।
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टिहरी झील को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन केंद्र और उत्तराखंड को वेडिंग डेस्टिनेशन बनाने के लिए विशेष योजनाएँ।
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पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के आधुनिकीकरण ने तीर्थाटन को नई दिशा दी।
साहसिक पर्यटन भी तेजी से बढ़ा है। राफ्टिंग, ट्रैकिंग, बंजी जंपिंग, पर्वतारोहण, योग और वर्क फ्रॉम हिल्स जैसी गतिविधियों में देश-विदेश के पर्यटक बढ़ते जा रहे हैं। मानसखंड मंदिर माला मिशन और पर्वतमाला मिशन के तहत धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों को पर्यटन सुविधाओं से जोड़ा जा रहा है।
उत्तराखंड सरकार अब राज्य को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में भी विकसित कर रही है। टिहरी झील को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन केंद्र बनाने के लिए 1200 करोड़ रुपये की योजना मंजूर की गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पर्यटन और तीर्थाटन राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।
उत्तराखंड का पर्यटन उद्योग अब राज्य के हर कोने तक पहुंच चुका है और वैश्विक स्तर पर राज्य की पहचान को नई ऊंचाइयां दे रहा है।