Maulana Tauqeer Raza बरेली शहर में हुई हिंसा के बाद सुर्खियों में आए मौलाना तौकीर रजा कानूनी मुश्किलों में फंस गए हैं. पुलिस जांच और प्रशासनिक रिपोर्ट में उनका नाम सामने आने के बाद अब बड़ा सवाल यही है कि आगे उनका राजनीतिक और कानूनी तौर पर क्या होगा.
सुन्नी संगठन इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा पर पर भड़काऊ भाषण और साम्प्रदायिक माहौल बिगाड़ने के आरोप लगे हैं। पुलिस ने उनके खिलाफ कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है। अब सवाल यह उठ रहा है कि अगर अदालत में दोष सिद्ध हो जाता है तो उन्हें कितनी लंबी सजा हो सकती है।
प्रशासनिक कार्रवाई की तैयारी
- पुलिस ने बरेली हिंसा के मामले में कई आरोपियों को चिन्हित किया है।
- मौलाना तौकीर रजा के खिलाफ दर्ज एफआईआर में गंभीर धाराएं लगाई गई हैं, जिनमें साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और भड़काऊ भाषण देने के आरोप शामिल हैं।
- प्रशासन उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाने पर भी विचार कर सकता है, अगर हालात और बिगड़ते हैं.
कौन सी धाराएं लगीं?
मौलाना तौकीर रजा के खिलाफ FIR में मुख्यतः भारतीय दंड संहिता (IPC) की निम्न धाराएं शामिल हैं:
- धारा 153A – धर्म, जाति, भाषा या क्षेत्र के आधार पर नफरत फैलाने का आरोप।
सजा: 3 से 5 साल तक की कैद और जुर्माना।
- धारा 295A – किसी धर्म या आस्था की भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाला बयान।
सजा: 3 साल तक की कैद और जुर्माना।
- धारा 505(2) – साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले बयान या अफवाह फैलाना।
सजा: 3 साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों।
- धारा 124A (देशद्रोह, अगर लागू हो) – सरकार के खिलाफ भड़काने वाला भाषण।
सजा: आजीवन कारावास तक हो सकती है (हालांकि यह धाराएं विवादित और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत सीमित उपयोग में हैं)।
अगर आरोप सिद्ध हुआ तो तौकीर रजा को कितनी होगी सजा
अगर मौलाना तौकीर रजा पर लगे आरोप अदालत में सिद्ध हो जाते हैं तो उन्हें कुल मिलाकर 7 से 10 साल तक की कैद और जुर्माना झेलना पड़ सकता है। गंभीर मामलों में अदालत उन्हें लंबी सजा भी सुना सकती है।
यूपी की राजनीति पर इसका असर
- तौकीर रजा लंबे समय से यूपी की राजनीति में सक्रिय रहे हैं और मुस्लिम वोट बैंक पर असर रखते हैं.
- लेकिन बरेली हिंसा के बाद उनकी छवि पर बड़ा धक्का लगा है.
- विपक्ष और सत्ताधारी दल दोनों इस मुद्दे को अपने-अपने अंदाज में भुना रहे हैं.
- अगर मामला गंभीर हुआ तो उनकी राजनीतिक जमीन कमजोर हो सकती है.
कानूनी संकट
- पहले से दर्ज मामलों के साथ यह हिंसा प्रकरण उन्हें लंबी कानूनी लड़ाई में धकेल सकता है.
- दोष साबित होने पर उन्हें लंबी जेल सजा मिल सकती है.
- हालांकि, अदालत में यह साबित करना होगा कि हिंसा और भड़काऊ बयान सीधे तौर पर उनसे जुड़े हैं.
आगे का रास्ता
- मौलाना के समर्थक अब भी उनके साथ खड़े हैं और इसे राजनीतिक षड्यंत्र बता रहे हैं.
- लेकिन कानून अपना काम करेगा और जांच के बाद ही तय होगा कि तौकीर रजा को क्लीन चिट मिलेगी या जेल का रास्ता.
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