Haryana News : हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज एक बार फिर अपने तीखे बयानों के कारण पार्टी के निशाने पर आ गए हैं। अनिल विज मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मोहन लाल बडोली के खिलाफ दिए गए उनके बयानों ने पार्टी के भीतर विवाद की स्थिति पैदा कर दी है। भाजपा ने विज को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए तीन दिनों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है।
क्या है मामला?
हाल ही में, अनिल विज ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पर निशाना साधते हुए कहा, “जब से सैनी मुख्यमंत्री बने हैं, वे जमीन पर कम और ‘उड़न खटोले’ में ज्यादा नजर आते हैं।” विज का यह बयान सीधे तौर पर मुख्यमंत्री की कार्यशैली पर सवाल उठाता है।
इसके अलावा, विज ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन बडोली के खिलाफ हिमाचल प्रदेश में दर्ज एक कथित दुष्कर्म मामले का हवाला देते हुए उनके इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा कि “ऐसे गंभीर आरोपों के बाद बडोली को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।”
बीजेपी हाईकमान नाराज
पार्टी ने विज के इन बयानों को गंभीरता से लिया है और इसे पार्टी की छवि और अनुशासन के खिलाफ बताया है। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने विज को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए यह स्पष्ट किया है कि उनका बयान पार्टी की एकता और नीतियों के खिलाफ है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में खुद को सीएम का चेहरा बताकर भी चर्चा में आऐ थे अनिल विज
अनिल विज अपनी बेबाक टिप्पणियों और पार्टी के भीतर अपनी अलग पहचान के लिए जाने जाते हैं। यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने अपनी ही पार्टी के नेताओं पर खुलकर निशाना साधा है। विज का मानना है कि वह पार्टी के हित में अपनी बात कहने से पीछे नहीं हटते।
पार्टी के लिए चुनौती
भाजपा के लिए यह मामला एक बड़ी चुनौती है। एक ओर पार्टी को अपने आंतरिक अनुशासन को बनाए रखना है, तो दूसरी ओर वरिष्ठ नेता के खिलाफ सख्त कदम उठाने में जोखिम है।
आगे का रास्ता
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अनिल विज अपने बयानों के लिए क्या स्पष्टीकरण देते हैं और भाजपा इस मामले में क्या रुख अपनाती है। यह विवाद पार्टी की आंतरिक कलह को उजागर करता है और पार्टी को इसके दीर्घकालिक परिणाम भी भुगतने पड़ सकते हैं।
अनिल बिज के बयान से हरियाणा की राजनीति में हलचल
अनिल विज के बयानों ने हरियाणा की राजनीति में हलचल मचा दी है। उनके आरोप पार्टी की कार्यशैली और नेतृत्व के लिए एक कड़ी चुनौती हैं। भाजपा को अब संतुलन साधते हुए स्थिति को संभालना होगा, ताकि यह विवाद पार्टी की छवि को नुकसान न पहुंचा सके.