Yamuna Cleaning: दिल्ली से होकर गुजरने वाली यमुना नदी की सफाई का अभियान अब शुरू हो गया है. लंबे समय से दिल्ली में अपना अस्तित्व खो रही यमुना और उसका लगातार दूषित होता पानी काफी विवादों की वजह बनकर रह गई थी. दिल्ली विदानसभा चुनाव में यमुना नदी का दूषित होता पानी और प्रदूषण एक बड़ा मुद्दा बन गया था. अरविंद केजरीवाल ने तो हरियाणा की बीजेपी सरकार पर यमुना नदी के पानी में जहर मिलाने तक का आरोप लगाया दिया था. लेकिन अब समय बदल रहा है और यमुना के अस्तित्व को बचाने के लिए दिल्ली में यमुना की सफाई का अभियान चलाया जा रहा है. साथ ही यमुना नदी के वासुदेव घाट शाम की आरती भी होने लगी है.
दिल्ली की राजनीति और प्रशासन में बदलाव का ये बड़ा असर दिखने लगा है. दिल्ली में बीजेपी की सरकार आते ही यमुना नदी को प्रदूषण मुक्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इस पहल को सरकार के वादे “स्वच्छ यमुना, स्वच्छ दिल्ली” के तहत लागू किया गया है।
यमुना का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व
यमुना नदी दिल्ली के लिए न केवल एक जल स्रोत है, बल्कि इसका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। हालांकि, पिछले कुछ दशकों में बढ़ते शहरीकरण, औद्योगिक कचरे और सीवेज के कारण यमुना नदी अत्यधिक प्रदूषित हो गई है। सरकारी रिपोर्ट्स के अनुसार, दिल्ली में यमुना का 22 किलोमीटर का हिस्सा नदी के 76% अधिक प्रदूषित है। यमुना को दूषित करने के पीछे बड़ा कारण गलत तरीके से यमुना में छोड़ा गया कचरा और सीवेज है। दिल्ली की बीजेपी सरकार ने यमुना के इस गंभीर समस्या को प्राथमिकता देते हुए इसे हल करने की योजना बनाई है।
कैसे चलाया जा रहा है यमुना सफाई अभियान ?
- आधुनिक मशीनों का उपयोग:
सफाई अभियान में अत्याधुनिक उपकरणों जैसे ट्रैश स्कीमर, वीड हार्वेस्टर, और ड्रेज यूटिलिटी क्राफ्ट का इस्तेमाल किया जा रहा है। इनसे नदी के कचरे, खरपतवार और गाद को आसानी से हटाया जा रहा है।
- सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (STPs) की स्थापना:
पुराने और नए STPs की क्षमता को बढ़ाया जा रहा है ताकि गंदे पानी को यमुना में छोड़े जाने से पहले उपचारित किया जा सके। सरकार ने यह सुनिश्चित करने का वादा किया है कि 400 मिलियन गैलन गंदा पानी प्रतिदिन नदी में जाने से रोका जाए।
- नालों की सफाई और निगरानी
दिल्ली में यमुना से जुड़े नजफगढ़ और सप्लीमेंट्री नालों की सफाई पर जोर दिया गया है। इनकी निगरानी के लिए नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है।
- जनभागीदारी के लिए सरकार की दिल्ली वासियों से अपील
दिल्ली की बीजेपी ने दिल्लीवासियों को भी इस अभियान का हिस्सा बनाने की अपील की है। स्कूलों, कॉलेजों और एनजीओ के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
यमुना की सफाई सरकार की प्रतिबद्धता
दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने इस परियोजना को समय पर पूरा करने का भरोसा दिलाया है। उनका कहना है कि अगले तीन वर्षों में यमुना को स्वच्छ बनाने के लिए सभी विभाग समन्वित रूप से कार्य करेंगे।
यमुना की सफाई एक चुनौती औऱ भविष्य की उम्मीदें
दिल्ली में यमुना की सफाई एक बड़ा अभियान है. इस अभियान को सफल बनाने में कई चुनौतियां भी सामने खड़ी हैं। लोगों की नदी में कचरा फेंकने की आदत, औद्योगिक प्रदूषण और सीवेज का प्रबंधन जैसे ये ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें केवल सरकार के प्रयासों से ही हल नहीं किया जा सकता। बल्कि जनसहयोग और जिम्मेदार नागरिकता इस योजना को सफल बनाने के लिए बेहद जरूरी है।
यमुना नदी की सफाई से दिल्ली के वातावरण पर पड़ेगा असर (Yamuna Cleaning)
यमुना नदी की सफाई दिल्ली के पर्यावरण, जल आपूर्ति और यहां रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। अगर आने वाले समय में यमुना की सही ढ़ंग से सफाई होती है तो इसका सीधा असर दिल्ली के स्वाथ्य पर भी पड़ेगा और यमुना किनारे रहने वालों की दशा सुधर जाएगी. बीजेपी सरकार द्वारा शुरू किया गया यह अभियान एक स्वागत योग्य कदम है। अगर इस परियोजना को सही ढंग से लागू किया गया, तो यह न केवल यमुना की दशा सुधार सकता है, बल्कि दिल्ली को स्वच्छ और हरित शहर बनाने की दिशा में भी एक बड़ा योगदान होगा। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह पहल आने वाले वर्षों में क्या परिणाम लाती है और क्या वाकई यमुना अपनी खोई हुई गरिमा वापस पा सकेगी ये भी एक बड़ा सवाल है.
दिल्ली में यमुना नदी के वासुदेव घाट पर शाम की आरती भी होने लगी है
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