Suryakumar Yadav : एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए हाई-वोल्टेज मुकाबले के बाद एक ऐसा वाकया सामने आया है जिसने एक नई बहस छेड़ दी है। मैच के बाद भारतीय बल्लेबाज़ सूर्यकुमार यादव ने पाकिस्तान के खिलाड़ियों से हाथ मिलाने से इंकार कर दिया। यह दृश्य कैमरों में कैद हुआ और देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
पाकिस्तान में क्या है नाराज़गी ?
पाकिस्तान के मीडिया और खेल विशेषज्ञों ने सूर्यकुमार के इस रवैये को खेल भावना के खिलाफ बताया है। कई पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने बयान देकर इसे ‘असम्मानजनक’ और ‘अप्रोफेशनल’ करार दिया। पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटरों ने टीवी डिबेट्स में कहा कि भारतीय टीम के वरिष्ठ खिलाड़ी होने के नाते सूर्यकुमार को मैच खत्म होने के बाद स्पोर्ट्समैनशिप दिखानी चाहिए थी।
भारत में इसको लेकर क्या है प्रतिक्रिया
भारत में इस घटना पर राय बंटी हुई है। कुछ प्रशंसकों का कहना है कि सूर्यकुमार यादव ने सही किया पाकिस्तान को उसकी करतूतों को दिखाना चाहिए. वहीं, खेल प्रेमियों का एक बड़ा वर्ग मानता है कि मैदान पर प्रतिद्वंद्विता और देश की राजनीतिक स्थितियों के बावजूद, खिलाड़ियों को खेल भावना का परिचय देना चाहिए।
सोशल मीडिया पर गर्म बहस
X (पूर्व ट्विटर) और इंस्टाग्राम पर यह मुद्दा लगातार ट्रेंड कर रहा है। भारतीय फैंस का एक हिस्सा सूर्यकुमार को “राष्ट्रभक्ति का प्रतीक” बता रहा है, जबकि पाकिस्तानी फैंस इसे “असभ्यता” कह रहे हैं। इस बीच कई न्यूट्रल क्रिकेट एक्सपर्ट्स ने अपील की है कि खेल को राजनीति से ऊपर रखा जाए और दोनों देशों के खिलाड़ियों को आपसी सम्मान बनाए रखना चाहिए।
सोशल मीडिया पर एक यूजर ने लिखा
एक और यूजर ने लिखा…
BCCI और PCB की प्रतिक्रिया
अब सबकी नजरें BCCI और PCB की आधिकारिक प्रतिक्रिया पर हैं। सूत्रों के मुताबिक, PCB इस मुद्दे को एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) के सामने उठाने की तैयारी में है। वहीं, BCCI फिलहाल चुप्पी साधे हुए है लेकिन सूर्य कुमार यादव के साथ है है बीसीसीआई ने इस घटना को “मैदान पर हुआ व्यक्तिगत फैसला” बताया है।
सूर्य कुमार यादव ने क्या है
सूर्य कुमार यादव ने मैच के बाद कहा कि हमारी सरकार और BCCI एकमत थे, हमें एशिया कप में खेलना था हमने खेला और उसे सम्मान जनक तरीके से आगे बढ़ाया ये ऑपरेशन सिंदूर पहलगाम को श्रद्धांजली है.
अब क्या होगा आगे
यह विवाद आने वाले दिनों में और तूल पकड़ सकता है। भारत-पाकिस्तान क्रिकेट पहले से ही राजनीतिक और भावनात्मक रंग लिए होता है, ऐसे में सूर्यकुमार यादव का यह कदम सिर्फ मैदान तक सीमित नहीं रहा बल्कि दोनों देशों के क्रिकेट संबंधों पर असर डाल सकता है।